ओडिशा में बीजेपी की सरकार बनते ही पहला बड़ा फैसला ले लिया गया है. शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और पुरी जगन्नाथ मंदिर के सभी चारों द्वार खोलने की मंजूरी दे दी. इतना ही नहीं, मंदिर की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कोष गठित करने का भी फैसला किया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा था. स्थानीय लोग मंदिर के चारों द्वार खोलने की मांग कर रहे थे.
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राज्य सचिवालय लोक सेवा भवन में कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने कल सुबह पुरी जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को फिर से खोलने का फैसला किया है. इस मौके पर सरकार के सभी मंत्री मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि सभी मंत्री आज रात को पुरी के लिए रवाना होंगे और तीर्थ नगरी में रुकेंगे ताकि गुरुवार सुबह जब चारों द्वार खोले जाएंगे तो वे वहां मौजूद रह सकें. हमारे लिए यह बेहद भावुक करने वाला पल है. अब भक्त सभी चारों द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे.
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घोषणापत्र में किया था वादा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंदिरों के द्वार खोलना भाजपा के चुनाव घोषणापत्र का वादा था, अब हम इस वादे को पूरा कर रहे हैं. द्वार बंद होने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. बता दें कि कोविड महामारी के बाद से ही बीजू जनता दल की सरकार ने मंदिर के चारों द्वार बंद कर दिए थे. श्रद्धालु केवल एक द्वार से ही प्रवेश कर सकते थे. इसकी वजह से काफी दिक्कतें होती थीं. स्थानीय लोग और कारोबारियों के अलावा बाहर से आने वाले लोग भी सभी द्वार खोलने की मांग कर रहे थे.
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मंदिर के लिए 500 करोड़ का कोष बनेगा
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि मंदिर के संरक्षण और देखभाल के लिए मंत्रिमंडल ने 500 करोड़ रुपये का एक कोष गठित करने का निर्णय लिया है. हम मंदिर प्रशासन की व्यवस्था में दखल नहीं देंगे, लेकिन कोई दिक्कत भी नहीं आने देंगे. इसके साथ ही सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने का ऐलान किया. सभी विभागों को 100 दिन का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया है. उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा. नई सरकार 100 दिनों के भीतर सुभद्रा योजना लागू करेगी जिसके तहत प्रत्येक महिला को 50,000 रुपये नकद दिए जाएंगे.