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फ्लैट बुक कराने के बाद कैंसिल करें बुकिंग तो क्या वापस मिलेगा पैसा या डूब जाएगी रकम? जान लें यह सरकारी रूल

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Flat Booking Rules-बुकिंग अमाउंट का मकसद सौदा रद्द होने से जुड़ी लागतों को कवर करना है. सौदा रद्द होने से बिल्डर को नुकसान होता है.

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नई दिल्‍ली. घर, फ्लैट या बंगला खरीदते समय पहले बिल्‍डर को बुकिंग राशि देनी होती है. रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (RERA) के नियम कहते हैं कि बुकिंग राशि घर की कीमत के 10 फीसदी से ज्‍यादा नहीं हो सकती. कई बार ऐसा भी होता है कि घर या फ्लैट की बुकिंग कराने वाला अपनी बुकिंग कैंसिल कर देता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि बुकिंग कैंसिल करने पर जमा कराई गई बुकिंग राशि बिल्‍डर वापस करेगा या नहीं? करेगा भी तो कितनी?

दरअसल, बुकिंग अमाउंट का मकसद सौदा रद्द होने से जुड़ी लागतों को कवर करना है. सौदा रद्द होने से बिल्डर को नुकसान होता है. फ्लैट की बुकिंग रद्द होने पर बिल्डर को नए खरीदार खोजने के लिए फिर से संसाधन जुटाने पड़ते हैं. इसीलिए बुकिंग अमाउंट की जब्‍ती के नियम बनाए गए हैं. रेरा कानून की धारा 13 प्रमोटरों को बिक्री के लिए समझौता करने से पहले फ्लैट मूल्य के 10% से ज्‍यादा की राशि एडवांस के रूप में लेने से रोकती है. यह सेक्‍शन कहता है कि डील में रकम जब्त करने से जुड़ी शर्तें भी शामिल होंगी.

हर राज्‍य का अपना नियम
रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (RERA) में प्रावधान‍ किया गया है कि हर राज्‍य अपना रियल एस्‍टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम बनाएगा. यही कारण है कि सभी राज्‍यों के रेरा नियमों में समानता हो, यह जरूरी नहीं है. कई राज्‍यों ने अपने यहां रेरा अधिनियम बनाया भी नहीं है. जहां तक फ्लैट बुकिंग कैंसिल करने पर बुकिंग अमाउंट के रिफंड की बात है, तो जिन राज्‍यों में रेरा अधिनियम लागू है, उनमें से ज्‍यादातर राज्‍यों में फ्लैट या घर की कुल कीमत की 10 फीसदी राशि को बिल्‍डर जब्‍त कर सकता है.

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दिल्‍ली, हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, कर्नाटक, छत्‍तीगढ, असम और आंध्र प्रदेश में अगर फ्लैट बुक करने वाला अपनी बुकिंग रद्द करता है तो उसके द्वारा जमा की गई बुकिंग राशि को बिल्‍डर जब्‍त कर सकता है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि रेरा अधिनियम के अनुसार, एडवांस में केवल 10 फीसदी राशि ही बिल्‍डर ले सकता है. वहीं, महाराष्‍ट्र में संपत्ति की कुल कीमत का केवल 2 फीसदी बुकिंग राशि ही बिल्‍डर जब्‍त कर सकता है. मध्‍य प्रदेश में रजिस्‍ट्रेशन या प्रीमियम अमाउंट का केवल 10 फीसदी हिस्‍सा ही बिल्‍डर फ्लैट बुकिंग कैंसिल करने पर जब्‍त कर सकता है.

जहां नहीं RERA वहां क्‍या होगा?
जिन राज्‍यों ने अभी रेरा कानून नहीं बनाया है, वहां पर भी बिल्‍डर पूरी बुकिंग राशि जब्‍त नहीं कर सकता. ऐसे राज्‍यों में संविदा अधिनियम (Contract Law) के तहत इस बात का फैसला किया जाएगा कि कितनी राशि बिल्‍डर जब्‍त करेगा. आमतौर पर जब्‍त की जाने वाली राशि का निर्धारण बिल्‍डर को बुकिंग कैंसिल होने से हुए नुकसान के अनुपात में होता है.

डीएलएफ लिमिटेड बनाम भगवती नरूणा (NCDRC (2015) CPJ 319 (NC)) के मामले में दिए अपने फैसले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा, “ जब बुकिंग करने वाला डिफॉल्‍ट करता है तो डेवलपर को केवल उचित मात्रा में ही बुकिंग राशि जब्त करनी होगी. उचित राशि से अधिक अमाउंट जब्त करना कानूनन स्वीकार्य नहीं है, जब तक कि बिल्डर जब तक कि बिल्‍डर यह साबित न कर दे कि वास्तव में उसके द्वारा जब्त की गई राशि की सीमा तक उसे नुकसान हुआ है.”

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कविता सिक्‍का बनाम ओअसिस लैंडमार्क एलएलपी (Kavita Sikka vs Oasis Landmark LLP) के मामले का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “बिल्‍डर केवल तर्कसंगत राशि ही जब्‍त करने का अधिकारी है. बिल्‍डर द्वारा कुल कीमत की 20 फीसदी बुकिंग राशि जब्‍त करना सही नहीं है.” इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिल्‍डर को कुल बिक्री राशि का 10 फीसदी ही अपने पास रखने और बाकि राशि अपीलकर्ता को वापस करने का आदेश दिया.

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