नई दिल्ली, पीटीआइ। जिन कंपनियों का प्रबंधन तंत्र बेहतर है, उनके लिए निवेशकों की कोई कमी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी सचिवों (सीएस) को संबोधित करते हुए कहा कि उनके द्वारा कंपनियों को दिया जाने वाला सुझाव अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाला है। उनके सुझावों से कंपनियों में अंतर स्पष्ट दिखेगा।
इसकी वजह यह है कि जिन कंपनियों का प्रबंधन तंत्र अच्छा है और वे कारपोरेट गवर्नेस का पालन करते हैं, उनके लिए निवेश की कोई कमी नहीं रही है। आइसीएसआइ के 53वें स्थापना दिवस में वित्त मंत्री का कहना था कि पिछले एक वर्ष के दौरान भारतीय कंपनियों ने निवेश आकर्षित करने के मामले में असाधारण सफलता हासिल की है। इसकी मुख्य वजह यही है कि पारदर्शिता और कानून अनुपालन के मोर्चे पर उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षो के ऐसी कंपनियों की संख्या बहुत बढ़ी है जो नियम अनुपालन के मोर्चे पर निवेशकों की उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रही हैं। ऐसे माहौल में जिन कंपनियों का प्रबंधन बेहतर है और जो निदेशक बोर्ड द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का पूरी तरह पालन कर रही हैं, उनमें निवेश लगातार बढ़ रहा है।’
गौतम अडाणी ने कहा, ऊर्जा क्षेत्र में 50-70 अरब डॉलर निवेश की योजना
गौतम अडाणी ने सोमवार को कहा कि उनका समूह अगले दशक में पूरे ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में 50 से 70 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा। यह निवेश नयी परियोजनाओं के साथ विस्तार और अधिग्रहण को लेकर किया जाएगा। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि अडाणी समूह सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 20 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश करेगा।
अडाणी ने कहा, ‘‘अगले दशक में हम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 20 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश करेंगे। पूरी हरित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में विस्तार तथा अधिग्रहण के जरिए हमारा कुल निवेश 50-70 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच होगा।’’
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