गवर्नर एडवार्डो लीट ने इलाके में आपातकाल की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा, “हम अपने इतिहास में अब तक की सबसे बुरी त्रासदी से जूझ रहे हैं.”
नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और कीचड़ के कारण अब तक 56 लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा हजारों लोग बेघर हो गए है. समाचार एजेंसी एएनआई ने अल जजीरा के हवाले से लिखा है कि बचाव व राहत कार्य लगातार जारी है. बचावकर्मी घरों, सड़कों व पुलों के मलबे में धंसे लोगों को खोजने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि रियो ग्रांडे डो सुल में पानी का स्तर बहुत बढ़ जाने के कारण बांधों पर बोझ बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से भी कुछ शहर खौफ में आ गए हैं.
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गवर्नर एडवार्डो लीट ने इलाके में आपातकाल की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा, “हम अपने इतिहास में अब तक की सबसे बुरी त्रासदी से जूझ रहे हैं.” उन्होंने इस बात का भी अंदेशा जताया कि हम मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. उधर राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा ने प्रभावित क्षेत्र में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि वहां मानव व भौतिक संसाधन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी.
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आगे और भी है खतरा
मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं ने आगे और त्रासदी के लिए लोगों को सचेत रहने को कहा है. उनका कहना है कि राज्य की मुख्य नदी गुयेबा खतरे के निशान पर पहुंच सकती है और इससे मौजूदा त्रासदी और बढ़ने की आशंका है. खबर के अनुसार, कई इलाके पूरी तरह से कट चुके हैं. लगातार भारी बारिश के कारण वहां आधारभूत ढांचे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. हालात इतने बुरे हैं कि उच्च खतरे वाले इलाकों में रह रहे लोगों को सरकारी की ओर से जगह खाली करने के लिए कह दिया गया है. पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाएं भी प्रभावित हो गई हैं.
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जलवायु परिवर्तन का असर
जानकारों का मानना है ब्राजील में बाढ़ और मिट्टी का खिसकना अब एक पैर्टन का हिस्सा बन गए हैं. उनकी मानें तो इसके पीछे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है.