नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने शुक्रवार को कहा कि कुछ विदेशी कंपनियां भारत में अत्यधिक उच्च गति वाली रेल यात्रा के लिए ‘हाइपरलूप’ तकनीक लाने की इच्छुक हैं, हालांकि इस संबंध में चर्चा अभी शुरुआती चरण में है.
सारस्वत हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की तकनीकी और व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए गठित समिति के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि समिति ने इस बारे में एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है.
उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ कंपनियों के साथ बातचीत भी की है, जो विदेशी कंपनियां हैं. ये पहले ही इस (हाइपरलूप) तकनीक को विकसित कर रही हैं.’
सारस्वत ने आगे कहा, ‘उन्होंने इस तकनीक को भारत में लाने में कुछ दिलचस्पी दिखाई है. फिलहाल हाइपरलूप की चर्चा बेहद शुरुआती चरण में है.’
हाइपरलूप एक हाई स्पीड ट्रेन है, जो एक सुरंगनुमा ट्यूब के अंदर वैक्यूम में चलती है. इस तकनीक की चर्चा व्यवसायी एलन मस्क ने की है. दुनिया भर में वर्जिन हाइपरलूप सहित कई अन्य कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई से पुणे के बीच यात्रा के लिए हाइपरलूप तकनीक के इस्तेमाल की अनुमति दी है.
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