लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की ढिलाई के कारण शारदा नगर और बसंत कुंज योजना में आवंटियों को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। कारण फ्लैट में मूलभूत सुविधाओं का उपलब्ध न होना है। ऐसे में तमाम दावों के बावजूद आवंटी आज भी अपने फ्लैट के लिए भटक रहे हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की ढिलाई के कारण शारदा नगर और बसंत कुंज योजना में आवंटियों को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। कारण फ्लैट में मूलभूत सुविधाओं का उपलब्ध न होना है। ऐसे में तमाम दावों के बावजूद आवंटी आज भी अपने फ्लैट के लिए भटक रहे हैं। लविप्रा का दावा है कि आवंटियों द्वारा पूरा पैसा जमा नहीं किया गया है, इसलिए रजिस्ट्री रुकी हुई है। यही नहीं कारपस फंड सहित आवंटियों से बीस हजार रुपये से अधिक और मांगा जा रहा है। पीएम आवास का काम देख रहे विशेष कार्याधिकारी डीके सिंह कहते हैं कि अभी फरवरी माह तक ही रजिस्ट्री शुरू हो पाएगी, वह भी शारदा नगर योजना में।
लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा नवंबर 2021 में पीएम आवास पर कब्जा देने का प्रयास था। ठेकेदारों द्वारा पीएम आवास के पास मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। बिजली जैसी मूलभूत सुविधा के लिए खाका पूरी तरह से लविप्रा के अभियंता तैयार नहीं कर पाए। कुल मिलाकर कोई न कोई अडंगा आज तक लगता रहा है। उधर पीएम आवास के आवंटी द्वारा पूरा पैसा न जमा करने से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। लविप्रा अफसरों का दावा है कि पूरा पैसा जमा करने के बाद ही रजिस्ट्री होगी और फिर कब्जा दिया जाएगा।
फरवरी से जुलाई 2022 के बीच कब्जा देने का काम पूरा कर लिया जाएगा। यह प्रकिया लविप्रा ने बीच में शुरू की थी, लेकिन फिर ठप हो गई है। आवंटियों का तर्क है कि लविप्रा की ढिलाई के कारण ही प्रोजेक्ट में विलंब होता चला गया। जो काम दिसंबर 2021 तक हो जाना चाहिए था, उसे लविप्रा के काबिल अभियंताओं द्वारा आज तक पूरा नहीं किया जा सका है। ऐसे में पीएम आवास का सपना गुणवत्ता परक बनाने का काम भले लविप्रा ने कर लिया हो, लेकिन कब्जा देने का काम आज भी अधूरा है।