नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स बुधवार को और 400 अंक से ज्यादा लुढ़क कर 59,296 पर खुला। खबर लिखे जाने तक यह 436 अंक नीचे 59,231 पर कारोबार कर रहा था। डॉ. रेड्डीज, भारतीय एयरटेल समेत सिर्फ आधा दर्जन शेयर हरे निशान से ऊपर थे। उधर Nifty 50 113 अंक नीचे 17635 पर कारोबार कर रहा है।
मंगलवार को अमेरिका में बांड प्रतिफल में तेजी आने के साथ वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच आईटी, वित्तीय और दूरसंचार शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 1,032 अंक तक टूट गया था, लेकिन बाद में बाजार कुछ संभला और अंत में 410.28 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,667.60 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 106.50 अंक यानी 0.60 प्रतिशत टूटकर 17,748.60 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में गिरावट का प्रमुख कारण भारती एयरटेल और टेक महिंद्रा में गिरावट है। निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में 32 में गिरावट रही जबकि 18 में बढ़त दर्ज की गयी।
सेंसेक्स के शेयरों में करीब 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में भारती एयरटेल रहा। इसके अलावा, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एचसीएल टेक और इन्फोसिस में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक बैंक और पावरग्रिड ने गिरावट पर कुछ अंकुश लगाया। गिरावट वाले अन्य शेयरों में एनटीपीसी, सन फार्मा, टाइटन और डा. रेड्डीज शामिल हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर नकारात्मक रुख और आईटी तथा रियल्टी कंपनियों में मुनाफावसूली से घरेलू बाजार में गिरावट आयी। हालांकि, कारोबार की समाप्ति से पहले कुछ सुधार देखने को मिला। उन्होंने कहा कि चीन में ऊर्जा संकट के साथ अमेरिका में बांड प्रतिफल बढ़ने तथा कच्चे तेल की कीमत में तेजी वैश्विक बाजार में मौजूदा तेजी के रास्ते में चुनौती बनकर उभरी हैं।
चीन के कुछ भागों में बिजली की कमी के कारण कुछ कारखानों को अस्थायी रूप से परिचालन बंद करना पड़ा है। विश्लेषकों को आशंका है कि कारखाने बंद होने का असर वैश्विक स्तर पर हो सकता है। इसके कारण एशिया में साल के अंत में होने वाली खरीदारी से पहले विनिर्माण को लेकर आपूर्ति बाधित होने का जोखिम है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक विकास जैन ने कहा कि अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट रही, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बाजार स्थिर खुला और अंत में गिरावट के साथ बंद हुआ। आईटी शेयरों में बिकवाली का असर बाजार पर पड़ा। सरकारी बांड का प्रतिफल करीब तीन महीने में उच्च स्तर पर पहुंच गया है … ।