केंद्र सरकार लंबे वक्त से गैरजरूरी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। हालांकि टेलिकॉम कंपनियां इस काम में केंद्र सरकार का सहयोग नहीं कर रही थी। ऐसे में सरकार ने जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल पर पर पेनल्टी लगाने की तैयारी कर ली है। मतलब अगर टेलिकॉम कंपनियां अनचाही कॉल और मैसेज पर लगाम लगाने में नाकाम रहती है, तो सरकार की ओर से पेनल्टी लगाई जाएगी।
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लगाई गई 153 करोड़ रुपये की पेनल्टी
रिपोर्ट की मानें, तो टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ मद्दे पर बात की है, जिससे अनचाही कॉल को लेकर पेनल्टी लगाई जा सके। इस मामले में जल्द ही दूरसंचार विभाग की ओर से नोटिस जारी कर सकता है। बता दें कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम कंपनियों पर 153 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है।
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बैंक गारंटी जब्त करने की सिफारिश
हालांकि टेलिकॉम कंपनियों की ओर से पेनल्टी की रकम नहीं जमा की गई है। टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि अनचाही कॉल्स रोकने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। ऐसे में जो काम उनका है नहीं, उसकी कैसे पेनल्टी लगाई जा सकती है। ऐसे में ट्राई ने दूरसंचार विभाग से संपर्क साधा था। पेनल्टी की रकम जमा न करने पर ट्राई ने टेलिकॉम कंपनियों की बैंक गारंटी जब्त करने की सिफारिश की थी। दूरसंचार विभाग की ओर से इस मामले में ट्राई से रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसे ट्राई ने दिसंबर में सौंप दिया था।
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मौजूदा समय में गैरजरूरी कॉल और मैसेज
गैरजरुरी कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग और टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कई सारे कदम उठाये हैं। हालांकि गैरजरुरी कॉल्स और मैसेज पर रोक नहीं लग सकी है। सरकार चाहती है कि अनचाही कॉल्स के लिए टेलिकॉम कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
पहले हो चुकी है तमाम कोशिशें
कुछ समय पहले ET की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि डिपॉर्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर की ओर से एक गाइडलाइन पेश की गई है, जिसमें टेलीमार्केटिंग जैसे बैंक, रियल एस्टेट पर प्रमोशनल मैसेज की जवाबदेही तय करने की बात थी। साथ ही ऐसे कामकाज को क्रिमिनल एक्टिविटी में लाने का प्रावधान था।