Amazon-Swiggy Deal : अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की निगाह अब स्विगी में हिस्सेदारी खरीदने पर है. मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि स्विगी के आईपीओ लाने से पहले ही अमेजन इस कंपनी के क्विक बिजनेस में हिस्सेदारी खरीदने की तरफ देख रही है.
नई दिल्ली. ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) ने अपना आईपीओ लांच करने की तैयारी कर ली है. इस बीच कंपनी को सात समंदर पार से बड़ा ऑफर मिला है. अमेजन इंडिया ने कंपनी के साथ हाथ मिलाने का प्रस्ताव दिया है. मामले से जुड़े तीन लोगों का कहना है कि इन्टामार्ट के तहत क्विक कॉमर्स बिजनेस को बढ़ाने के लिए दोनों कंपनियां हाथ मिला सकती हैं. आपको बता दें कि स्विगी ने करीब सवा अरब डॉलर (10,414 करोड़ रुपये) का आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराया है.
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मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमेजन और स्विगी के हाथ मिलाने के दो रास्ते हो सकते हैं. अमेजन की नजर आने वाले आईपीओ में हिस्सेदारी खरीदने या फिर इन्स्टामार्ट में हिस्सा लेने पर है. हालांकि, कहा ये भी जा रहा है कि अमेजन के लिए दोनों ही रास्ते आसान नहीं होंगे. अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. माना जा रहा है स्विगी अपने क्विक कॉमर्स बिजनेस को ही बेचना चाहती है, जबकि अमेजन कंपनी के फूड डिलीवरी बिजनेस को खरीदने को इच्छुक नहीं दिख रही.
उधेड़बुन…पूरा खरीदें या थोड़ा
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि स्विगी की पूरी हिस्सेदारी खरीदना मुश्किल काम है, क्योंकि इसका वैल्यूएशन 10 से 12 अरब डॉलर यानी करीब 1 लाख करोड़ रुपये बन रहा है. दूसरी ओर अमेजन थोड़ी हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखा नहीं रही है. आपको पता होगा कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेक्टर में स्विगी का कंप्टीशन जोमैटो से चल रहा है, जिसकी मार्केट वैल्यू दोगुनी 1.9 लाख करोड़ रुपये है.
क्या है डील में दिक्कत
स्विगी और जोमैटो दोनों ही कंपनियों ने अभी तक अपने क्विक कॉमर्स वर्टिकल्स का अलग से मूल्यांकन नहीं किया है. जाहिर है कि स्विगी के इस बिजनेस को खरीदने में सबसे बड़ी दिक्कत उसकी वैल्यूएशन को लेकर है. गोल्डमैन सॉक्स ने पिछले दिनों जोमैटो के क्विक कॉमर्स यूनिट ब्लिंकिट का वैल्यूएशन करीब 13 अरब डॉलर (करीब 1.06 लाख करोड़ रुपये) बताया था. हालांकि, स्विगी का अभी अत पता नहीं चल सका है.
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क्या है क्विक कॉमर्स बिजनेस
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बाजार में नया कंप्टीशन क्विक कॉमर्स को लेकर आया है. कंपनियां अब तेज डिलीवरी करने पर जोर दे रही हैं. इस कड़ी में स्विगी ने इंस्टामार्ट लांच किया तो जोमैटो ने ब्लिंकिट को बाजार में उतारा और इन दोनों को टक्कर दे रही जेप्टो भी क्विक कॉमर्स बिजनेस में है. फ्लिपकार्ट भी अब इस बिजनेस में पांव पसारने की सोच रही और इसके लिए कंपनी को अपनी पैरेंट कंपनी वॉलमार्ट से 1 अरब डॉलर का फंड मिला है. कंपनी अपना नया बिजनेस फ्लिपकार्ट मिनट्स के नाम से उतारने वाली है.
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