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हिंडनबर्ग के लपेटे में इस बार IIFL भी, सेबी चीफ के साथ जुड़ा नाम, करती क्या है ये कंपनी

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के हवाले से IIFL और सेबी चेयरमैन के कनेक्शन को उजागर किया है. IIFL के जरिये गौतम अडानी द्वारा स्थापित की गई छोटी ऑफशोर मॉरीशस फंडकंपनी ‘IPE प्लस फंड’ में सेबी की मौजूदा चेयरमैन माधबी पूरी बुच और उनके पति की हिस्सेदारी होने का दावा किया गया है.

नई दिल्ली. अरबपति गौतम अडानी पर कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाले का आरोप लगाने के डेढ़ साल बाद, हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को अडानी मामले पर एक और बड़ा आरोप लगाते हुए दावा किया कि सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी समूह से जुड़े एक बड़ी कंपनी के ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी है.

हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया कि मौजूदा सेबी चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच के पास ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में छिपी कंपनी आईआईएफएल (IIFL) में हिस्सेदारी थी, जो एक जटिल संरचना में पाए गए थे. हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि आईआईएफएल का जटिल फंड ढांचे की स्थापना का इतिहास रहा है और यह कंपनी अतीत में जर्मनी के वायरकार्ड घोटाले सहित कई विवादों और घोटालों में शामिल रही है. आइए जानते हैं भारत की प्राइवेट एसेट मैनेजमेंट कंपनी IIFL का क्या इतिहास रहा है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इसका नाम क्यों लिया जा रहा है.

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सेबी और आरबीआई के राडार पर थी IIFL
आईआईएफएल भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध वेल्थ मैनेजमेंट फर्म है, जिसका जटिल फंड ढांचे की स्थापना में लंबा इतिहास रहा है और वायरकार्ड घोटाले से इसका पुराना संबंध है, जो जर्मनी का अब तक का सबसे बड़ा धोखाधड़ी का मामला है. आईआईएफएल वेल्थ पर यूके की अदालतों में एक मुकदमे के अनुसार मॉरीशस फंड संरचना का उपयोग करके वायरकार्ड से जुड़े एक अधिग्रहण सौदे में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था.

हाल ही में आरबीआई और सेबी दोनों ने बैंकिंग और पूंजी बाजार नियामकों द्वारा स्थापित विनियामक ढांचे के उल्लंघन के लिए आईआईएफएल को फटकार लगाई थी. इस साल की शुरुआत में मार्च में आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस को तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन मंजूर करने या वितरित करने से रोकने का आदेश दिया था, जिसमें कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में “पर्यवेक्षी चिंताओं” का उल्लेख किया गया था.

आरबीआई के अनुसार, कंपनी गोल्ड लोन को मंजूरी देने और डिफ़ॉल्ट होने पर नीलामी के समय सोने की शुद्धता और शुद्ध वजन की जांच और प्रमाणन में कई उल्लंघन कर रही थी. अनुपात (एलटीवी) में उल्लंघन और अन्य बातों के अलावा वैधानिक सीमा से कहीं अधिक नकद में ऋण राशि का महत्वपूर्ण वितरण और संग्रह शामिल है. इसके अलावा कंपनी लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) अनुपात में उल्लंघन और अन्य बातों के अलावा वैधानिक सीमा से कहीं अधिक नकद में लोन राशि का वितरण कर रही थी.

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हिंडनबर्ग ने क्या लगाए आरोप?
शॉर्ट-सेलर हिंडेनबर्ग (मामले से पर्दा उठाने वाले) ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया कि मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ और आईआईएफएल में सेबी की चेयरमैन और उनके पति की हिस्सेदारी है, जिसमें कथित तौर पर गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं. इस पैसे का इस्तेमाल शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था.

हिंडनबर्ग ने मुख्य रूप से मॉरीशस बेस्ड शेल एंटिटीज के एक जाल को उजागर किया था. जिनका इस्तेमाल संदिग्ध अरबों डॉलर के अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन, अनडिस्क्लोज्ड इन्वेस्टमेंट और स्टॉक मैनिपुलेशन के लिए किया गया था.

‘IPE प्लस फंड’ एक छोटा ऑफशोर मॉरीशस फंड है, जिसे अडाणी ग्रुप के डायरेक्टर गौतम अडानी ने इंडिया इंफोलाइन (IIFL) के जरिए स्थापित किया है, जो वायरकार्ड स्कैंडल से जुड़ी एक वेल्थ मैनेजमेंट फर्म है. डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2015 को सिंगापुर में IPE प्लस फंड-1 में अपना अकाउंट ओपन किया था.

व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों मुताबिक सेबी की वर्तमान अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी.

हिंडनबर्ग का आरोप है कि गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने इस संरचना का उपयोग भारतीय बाजारों में निवेश करने के लिए किया, जिसमें कथित तौर पर अडानी समूह को बिजली उपकरणों के ओवर इनवॉइसिंग से धन प्राप्त हुआ था.

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कितना बड़ा है आईआईएफएल समूह
आईआईएफएल समूह भारत के सबसे बड़े वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियों में से एक है. इसकी तीन सूचीबद्ध इकाइयां हैं जिनमें IIFL फाइनेंस, IIFL सिक्योरिटीज और 360 ONE वेल्थ एंड एसेट मैनेजमेंट शामिल है. 1995 में निर्मल जैन द्वारा एक छोटे से रिसर्च हाउस के रूप में स्थापित, आज IIFL समूह 40,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है और विभिन्न वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है.

आज IIFL समूह 50 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन करता है और एशिया, यूरोप और अमेरिका में मौजूद है. IIFL समूह की कंपनियों को फेयरफैक्स, बेन कैपिटल, द कैपिटल ग्रुप और वार्डफेरी जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है.

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