नई दिल्ली
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान मामले पर अधिकारियों को अहम निर्देश दिए हैं। तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हो गए हैं। पीएम मोदी ने वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के साथ-साथ अफगान नागरिकों की मदद के भी निर्देश दिए है।
सूत्रों के अनुसार, पीएम ने कहा कि इच्छुक अल्पसंख्यक सिखों और हिंदुओं को शरण दी जाए। प्रधानमंत्री आवास पर बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल रहे।
सबसे बड़ी बैठक की 5 खास बातें
- पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा कि वे अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों को सकुशल वापस लाएं।
- हिंदू और सिख समुदाय के जो लोग अफगानिस्तान से भारत आना चाहते हैं, उन्हें यहां पर शरण दी जाए।
- जो अफगान नागरिक हमारी ओर मदद के लिए देख रहे हैं, उन्हें निराश ना लौटाया जाए। हरसभंव मदद हो।
- विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रहे रूदेंद्र टंडन ने आने वाली डिप्लोमेटिक चुनौतियों का खाका खींचा।
- भारत अपने मित्र राष्ट्रों से लगातार संपर्क में है। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय अमेरिका में हैं जहां वे इस मसले पर कई नेताओं से बात करेंगे।
भारतीयों को लाने के लिए IAF को सौंपा गया जिम्मा
तालिबानी हुकूमत की आमद के साथ ही विदेश मंत्रालय लगातार ऐक्शन मोड में है। अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के लिए विशेष हेल्पलाइन जारी की गई है। अफगानिस्तान के हालात और दुनिया की प्रतिक्रियाओं पर भारत नजर बनाए हुए हैं। भारतीय वायुसेना के दो C-17 ग्लोबमास्टर विमान काबुल से फंसे भारतीयों को लेकर वापस आ रहे हैं।
सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाएंगे: केंद्र
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि “भारत सरकार अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और काबुल हवाईअड्डे के वाणिज्यिक संचालन के लिए खुलने के बाद उड़ान की व्यवस्था शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।” मौजूदा हालात को देखते हुए काबुल में दूतावास के कर्मचारियों को दो चरणों में भारत लाया गया। मंगलवार को राजदूत और अन्य सभी कर्मी नई दिल्ली पहुंच गए हैं।
हम दुश्मन नहीं चाहते: तालिबान
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को कहा कि उनका समूह किसी भी संघर्ष, किसी युद्ध को दोहराना नहीं चाहता। मुजाहिद ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम संघर्ष के कारकों को दूर करना चाहते हैं। इसलिए, इस्लामिक अमीरात की किसी के प्रति किसी भी तरह की दुश्मनी नहीं है।” उन्होंने कहा कि सभी दुश्मनी खत्म हो गई है। जियो न्यूज के अनुसार, मुजाहिद ने कहा, “हम शांति से रहना चाहते हैं। हम कोई आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते।”