वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन ITR फाइल करना अनिवार्य रहेगा. इससे करदाताओं को राहत मिलेगी और टैक्स सिस्टम सरल होगा। वित्तीय गतिविधियों के आधार पर ITR फाइलिंग जरूरी होगी.
ये भी पढ़ें:-घर खरीदना हुआ सस्ता! SBI ने होम लोन के ब्याज दर में कटौती का किया ऐलान, जानिए कितना कम देना होगा EMI
नई दिल्ली. नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कई अहम नियम बदलने जा रहे हैं. केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिससे करोड़ों करदाताओं को राहत मिलेगी. अब सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि, यह जानना भी जरूरी है कि क्या इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना अनिवार्य होगा या नहीं. सरकार ने टैक्स सिस्टम को अधिक सरल और प्रभावी बनाने के लिए कुछ अहम कदम उठाए हैं.
केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है. नए टैक्स सिस्टम के तहत अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी. इस फैसले से करीब एक करोड़ लोगों को फायदा होगा, जो पहले 20,000 से 80,000 रुपये तक टैक्स देते थे.
ये भी पढ़ें:- Gratuity limit increased for Govt employees: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बढ़ी ग्रेच्युटी लिमिट! अब मिलेगा 25 लाख रुपये तक लाभ
इस नई व्यवस्था के तहत करदाताओं को केवल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना होगा, जिससे उन्हें यह छूट मिल सकेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में इस बदलाव की घोषणा की थी. पहले जिन लोगों की आय 12 लाख रुपये सालाना थी, उन्हें लगभग 80,000 रुपये तक का टैक्स भरना पड़ता था, लेकिन अब यह टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. हालांकि, ITR फाइल करना अनिवार्य रहेगा, ताकि करदाता इस लाभ का दावा कर सकें.
क्यों जरूरी है ITR फाइल करना?
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही किसी व्यक्ति की आय 12 लाख रुपये से कम हो, लेकिन फिर भी उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. ITR के माध्यम से ही आयकर विभाग को करदाता की आय और अन्य वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिलती है. इसके अलावा, कुछ विशेष परिस्थितियों में भी ITR फाइल करना जरूरी होगा, जैसे कि –
ये भी पढ़ें:- इस Bank ने सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में की बढ़ोतरी, मिल रहा हाई रिटर्न
यदि किसी व्यक्ति ने करंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक जमा किए हैं.
यदि किसी व्यक्ति का सालाना बिजली बिल 1 लाख रुपये या उससे अधिक है.
यदि किसी व्यक्ति ने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये या उससे अधिक खर्च किए हैं.
अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए क्या हैं नियम?
60 साल से कम उम्र के सामान्य नागरिकों के लिए ITR फाइल करने की सीमा 2.5 लाख रुपये की सालाना आय है.
सीनियर सिटीजन्स (60-79 वर्ष) के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है.
सुपर सीनियर सिटीजन्स (80 वर्ष और उससे अधिक) के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये रखी गई है.
नए टैक्स सिस्टम के तहत यह सीमा 4 लाख रुपये तय की गई है.
यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय इन सीमाओं के भीतर रहती है, तो उसे ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होगी. लेकिन यदि उसकी वित्तीय गतिविधियां तय मानकों से अधिक हैं, तो ITR भरना अनिवार्य होगा.
ये भी पढ़ें:- Big News: प्राइवेट बैंक का बड़ा एलान, शुरू हुई नई और स्पेशल सर्विस
टैक्स सिस्टम को बनाना आसान
सरकार का उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाना है. इस बदलाव से करदाताओं को राहत मिलेगी और आयकर विभाग को भी कर संग्रह में सहूलियत होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि ITR फाइलिंग से टैक्सपेयर्स की वित्तीय स्थिति का स्पष्ट रिकॉर्ड रहेगा और भविष्य में किसी तरह की जटिलताओं से बचा जा सकेगा.
(नोट: यह खबर सरकार द्वारा घोषित नीतियों और बजट 2025 में किए गए संशोधनों पर आधारित है. करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अधिक जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या किसी वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें.)
