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क्या वैक्सीन लगवाने से पहले जरूरी है कोरोना की जांच?

covid

देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को काबू करने के लिए सरकार टीकाकरण पर काफी जोर दे रही है। अब 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों को भी वैक्सीन दिए जाने की शुरुआत हो चुकी है। एक आंकड़े के अनुसार देश में अब तक 17.7 करोड़ से ज्यादा लोगों को या तो कोविशील्ड या कोवैक्सीन का डोज लगाया जा चुका है, उनमें से 3.9 करोड़ लोग दूसरा डोज ले चुके हैं। वैक्सीनेशन को लेकर अब भी लोगों को मन में कई तरह के सवाल और भ्रम हैं, हमारी कोशिश रहती है कि हम आपके मन में मौजूद सभी तरह के भ्रम को दूर कर सकें।

अमर उजाला फाउंडेशन की पहल के माध्यम से कोरोना महामारी को लेकर रविवार को हुई चर्चा में हमने विशेषज्ञों से वैक्सीनेशन के पहले और बाद की सावधानियों के बारे में जानने की कोशिश की। इस दौरान फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता ने सभी सवालों के जवाब दिए।

कोरोना में कितनी प्रभावी हैं भारत में मौजूद वैक्सीन
डॉ डीके गुप्ता कहते हैं कि देश में फिलहाल तीन वैक्सीन-कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक मौजूद हैं। अब तक 18 करोड़ के करीब लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सभी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं। इसके कोई बड़े और गंभीर साइड-इफेक्ट्स भी नहीं देखे जा रहे हैं, ऐसे में लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। 

क्या वैक्सीनेशन से पहले कोरोना की जांच कराना जरूरी है?
इस सवाल के जवाब में डॉ गुप्ता बताते हैं कि वैक्सीनेशन से पहले कोरोना की जांच कराना बिल्कुल जरूरी नहीं है। आपको कोरोना की जांच सिर्फ तभी करानी चाहिए जब शरीर में इसके कोई संभावित लक्षण नजर आ रहे हों। हां, यदि आप कोविड संक्रमित हैं तो फिलहाल वैक्सीनेशन नहीं करानी चाहिए।

वैक्सीन लगवाने से पहले क्या करें?
डॉ गुप्ता बताते हैं कि वैक्सीन सेंटर पर आपको कोविड के सभी नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। अच्छी तरह के या दो मास्क लगाकर जाएं, जिसमें नाक और मुंह पूरी तरह से ढके हों। वैक्सीन लगवाने के लिए नॉन कोविड अस्पतालों का चयन करें। भीड़-भाड़ वाले समय पर न जाएं और ध्यान रखें टीका लगवाने से पहले आपका पेट खाली नहीं होना चाहिए।

वैक्सीन लगवाने के बाद क्या करें?
वैक्सीन लगवाने के बाद करीब आधे घंटे तक सेंटर में मौजूद ऑब्जर्वेशन एरिया में जरूर बैठें। यदि आपको इस दौरान किसी भी तरह के असामान्य लक्षण महसूस होते हैं तो तुरंत वहां मौजूद डॉक्टर से इस बारे में संपर्क करें। यदि आपको वैक्सीन की पहली डोज के बाद कोई बहुत गंभीर समस्या हुई हो तो फिलहाल दूसरी डोज न लगवाएं।

नोट: यह लेख  फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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