All for Joomla All for Webmasters
ऑटो

कार पार्किंग बना बड़ा मुद्दा, हाई कोर्ट ने 4 से 5 वाहन खरीदनें पर लगाई लगाम जानें क्या है मामला

car

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में ट्रैफिक और पार्किंग की जगह एक बड़ा मुद्दा है। जिस पर हाल ही में मुंबई के हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि अधिकारियों के पास पार्किंग के लिए स्पेस नहीं है, तो उन्हें नागरिकों को कई निजी वाहन रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिवार के पास सोसाइटी में एक फ्लैट है तो उन्हें 4-5 कारें पार्क करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

इस फैसले को सुनाने वाली पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी शामिल थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को ” एक फ्लैट के मालिक को चार या पांच कारों की अनुमति नहीं देनी चाहिए, अगर उनके पास पर्याप्त पार्किंग स्थान नहीं है” यह बात सामनें आई जब पीठ नवी मुंबई निवासी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट में चुनौती देने वाले निवासी का नाम संदीप ठाकुर है, और वह डेवलपर्स को कार पार्किंग की जगह कम करने की अनुमति को लेकर पेश हुए थे।

उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका में चुनौती दिए गए नियमों पर भी सवाल उठाया और कहा कि अगर वाहन पार्किंग पर उचित नीति नहीं बनाई गई तो अराजकता होगी। यह सच हो सकता है क्योंकि सोसायटी के निवासी अपने वाहनों को परिसर में पार्क करने में सक्षम नहीं होंगे जो उन्हें परेशान करेगा। वाहन बाहर पार्क करने पर लूट की संभावना भी बढ़ जाती है।

वर्तमान में सड़कें वाहनों से भरी पड़ी हैं। 30 प्रतिशत तक सड़कों पर खड़े वाहनों का कब्जा है। इससे सड़कों पर यातायात भी प्रभावित होता है, क्योंकि एक लेन का उपयोग केवल खड़े वाहनों द्वारा किया जाता है। यह हाल न केवल मुंबई बल्कि कई शहरों में है। मुंबई सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में से एक है। इस शहर में 2019 तक लगभग 34 लाख वाहनों का पंजीकरण किया गया है। वहीं यहां 2,000 किमी का सड़क नेटवर्क है, जिसका उपयोग 30 लाख वाहनों द्वारा पार्किंग के लिए किए जाने का अनुमान है।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top