श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार मंगलवार को श्री अमरेश्वर गुफा के लिए प्रस्थान नहीं कर पाई। अब पवित्र छड़ी मुबारक श्रावण पूर्णिमा को रक्षा बंधन की सुबह 22 अगस्त को हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा पहुंचेगी। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के कारण उपजे हालात में श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा-2021 को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है। सिर्फ पवित्र छड़ी मुबारक को बीते साल की तरह इस वर्ष भी पवित्र गुफा की यात्रा करने और वहां हिमलिंग स्वरुप में विराजमान भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा करने व अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने की आज्ञा है।
श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक को आज महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में अपने विश्रामस्थल दशनामी अखाड़ा से पहलगाम के लिए रवाना होना था। छड़ी मुबारक दो रात पहलगाम में विश्राम करने के बाद वीरवार को चंदनबाड़ी से आगे की यात्रा करनी और मार्ग में आने वाले सभी तीर्थस्थलों पर पौराणिक और सनातन परंपराओं के अनुरुप सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने थे। अलबत्ता, बीती रात देर गए प्रदेश प्रशासन ने श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के पंरपरागत मार्ग की मौजूदा स्थिति और रविवार को यात्रा मार्ग पर हुए हिमपात के मद्देनजर दशनामी अखाड़ा के महंत और पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी को सूचित किया कि मार्ग पैदल यात्रा योग्य नहीं है। इसलिए वह अपना कार्यक्रम स्थगित करें और 22 अगस्त को हेलीकॉप्टर के जरिए छड़ी मुबारक को पवित्र गुफा ले जाया जाएगा।
महंत दीपेंद्र गिरी ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा कि यात्रा मार्ग को इस बार साफ नहीं किया जा सका है। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर मौसम भी अनुकूल नहीं है। सभी परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए आज छड़ी मुबारक ने पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अब 22 अगस्त को रक्षाबंधन की सुबह ही हेलीकॉप्टर के जरिये छड़ी मुबारक पवित्र गुफा में भगवान श्री अमरेश्वर की पूजा और मुख्य दर्शन का अनुष्ठान संपन्न करने जाएगी। उन्हाेंने कहा कि हमने प्रशासन से आग्रह किया है कि वायुमार्ग से पवित्र छड़ी मुबारक को पवित्र गुफा ले जाने के लिए पहलगाम-शेषनाग-पवित्र गुफा मार्ग के ऊपर से ही ले जाया जाए।
उल्लेखनीय है कि समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में ही भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। इसी पवित्र गुफा में श्रावण मास के दौरान भगवान शकंर, मां पार्वती और भगवान गणेश हिमलिंग स्वरुप में विराजमान होते हैं। उनके दर्शन और पवित्र गुफा में पूजा के लिए हर वर्ष श्रावण मास में पवित्र गुुफा की तीर्थ यात्रा का विधान है।
भगवान शंकर द्वारा अमरत्व की कथा सुनाए जाने के कारण इस श्री अमरनाथ की गुफा को श्री अमरेश्वर गुफा भी पुकारा जाता है। बीते साल की तरह इस वर्ष भी कोविड-19 से उपजे हालात के कारण श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा को आम श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद रखा गया है। सिर्फ छड़ी मुबारक ही धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने के लिए पवित्र गुफा में जाएगी। पवित्र गुफा में वार्षिक तीर्थयात्रा का मुख्य दर्शन और पूजा रक्षा बंधन की सुबह ही होती है और इस वर्ष यह 22 अगस्त को है।