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LIC IPO: LIC के IPO के बाद किसके पास होगी बीमा कारोबार की बड़ी हिस्सेदारी, जानें- वित्त मंत्रालय ने क्या दिया जवाब?

LIC IPO: वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एलआईसी के आईपीओ के बाद बीमा कारोबार की बड़ी हिस्सेदारी कंपनियों के हाथों में होगी.

LIC IPO: भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) की लिस्टिंग के बाद बीमा कारोबार का 60 फीसदी हिस्सा सूचीबद्ध कंपनियों के पास जाएगा. यह बात वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित अग्रवाल ने कही. आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCA) ने जुलाई में एलआईसी की लिस्टिंग को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है

अमित अग्रवाल ने बताया कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हो रहा है. हमारी वित्तीय प्रणाली परिपक्व, गहरी और एक स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा के लिए खोलने के बाद यह परिपक्व हो गया है. आज बीमा कंपनियों की संख्या 69 हो गई है जो वर्ष 2000 में केवल 8 पर थी

उन्होंने बताया कि एलआईसी की प्रस्तावित लिस्टिंग के पूरा होने के बाद बीमा उद्योग का 60 फीसदी कारोबार सूचीबद्ध कंपनियों के पास चला जाएगा. यह क्षेत्र समग्र अर्थव्यवस्था की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है

पॉलिसीधारकों को मिलेगी छूट

संसद के मानसून सत्र में सरकार ने कहा है कि एलआईसी अपने आईपीओ में ग्राहकों के लिए अलग से कोटा तय कर सकती है. निर्गम आकार का 10% पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया जा सकता है.

एलआईसी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक यानि 31 मार्च 2021 तक आ सकता है. इसके अलावा डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को प्री-आईपीओ ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त किया गया है.

देश का सबसे बड़ा आईपीओ

माना जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. अनुमान लगाया गया है कि यह 90,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है. इससे सरकार को बड़ा राजस्व मिलेगा. इसके लिए 1956 के एलआईसी अधिनियम में संशोधन किया गया है.

आईपीओ के लिए प्रॉस्पेक्टस का मसौदा भी जल्द ही दाखिल किया जाएगा. दीपम सचिव ने कहा कि आईपीओ के लिए अन्य आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए शेयर बाजार नियामक के साथ चर्चा जारी है.

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