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कभी Infosys को खरीदने के लिए 2 करोड़ रुपये का था ऑफर, आज कंपनी की वैल्यू ₹7.44 ट्रिलियन पर पहुंचा

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1981 में नारायण मूर्ति ने अपने 6 दोस्तों के साथ मिलकर इंफोंसिस की नींव रखी. आज यह कंपनी का मार्केट कैप $100 बिलियन को पार कर गया.

नई दिल्ली. इंफोसिस (Infosys ) का नाम आज दुनिया की टॉप कंपनियों में शुमार किया जाता है. इंफोंसिस को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय नारायण मूर्ति (Narayana murthy) को जाता है. 1981 में नारायण मूर्ति ने अपने 6 दोस्तों के साथ मिलकर इंफोंसिस की नींव रखी. आज यह कंपनी का मार्केट कैप $100 बिलियन को पार कर गया. इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd.) के शेयरों ने मंगलवार को एक नई रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की, इसी के साथ यह चौथी सबसे बड़ी भारतीय कंपनी बन गई है.

BSE पर मंगलवार को इंफोसिस के शेयरों (Infosys Stock) ने 1,755.60 रुपये के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर को छु लिया है. इसके बाद कंपनी का बाजार पूंजीकरण (Market Cap) 7.44 ट्रिलियन रुपये या 100 अरब डॉलर हो गया. 09.25 बजे, कंपनी के शेयर अपने पिछले बंद से 0% ऊपर 1,752.45 रुपये ट्रेड कर रहा था.

1990 में 2 करोड़ रुपये में खरीदने का ऑफर था
इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति ने हाल में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि 1990 में कंपनी को केवल 2 करोड़ रुपये में खरीदने का ऑफर मिला था. इसे मूर्ति और उनके को-फाउंडर्स ने ठुकरा दिया और कंपनी में बने रहने का फैसला किया. कंपनी लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है. इसपर नारायण मूर्ति का मानना है कि 1991 में हुए इकोनॉमिक रिफॉर्म्स का बड़ा योगदान है.इन रिफॉर्म्स के कारण इंफोसिस जैसी कंपनियों को अपने लिए मार्केट खोजने की छूट मिली थी क्योंकि उन्हें कई तरह की अनुमतियों के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़ा था. देश में इकोनॉमिक रिफॉर्म्स के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मूर्ति ने मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि 1991 में हुए बड़े बदलाव ने कैसे अचानक इंफोसिस के लिए सफलता के रास्ते खोल दिए थे.

भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में, इंफोसिस भारत में सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक है, जिसने क्लाउड, ग्राहक अनुभव, साइबर सुरक्षा समेत अन्य में बड़े स्तर पर बदलाव देखा है. मार्केट एक्सपर्ट की मानें तो नए युग की टेक्नोनाॅजी की दुनिया में इंफोसिस के पास अगले 12-24 महीनों के दौरान बेहतर नेगोशिएशन पावर होगी. कंपनी प्रबंधन द्वारा वित्त वर्ष 2022 के लिए निरंतर मुद्रा के संदर्भ में 12-14% से राजस्व वृद्धि को 14-16% तक बढ़ाने के बाद स्टॉक में तेजी आई है. कंपनी ने अपना ऑपरेटिंग मार्जिन गाइडेंस 22-24% पर बनाए रखा है.

जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 18% साल-दर-साल से बढ़कर 27,896 करोड़ रुपये हो गया. राजस्व में वृद्धि और कर्मचारी खर्च में गिरावट के कारण EBITDA में साल-दर-साल 21.4% की वृद्धि हुई. EBITDA मार्जिन 70bps बढ़कर 26.6% हो गया. शुद्ध लाभ 5,195 करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले की तुलना में 22.7% अधिक है.

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