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बिना कार्ड नंबर डाले हो जाएगा पेमेंट! 1 जनवरी 2022 से लागू होगा ‘Token’ सिस्टम, जानिए इसके फायदे

Token

नई दिल्ली: Card Tokenisation: देश में अब डिजिटल पेमेंट का तरीका बदलने वाला है. डेटा सिक्योरिटी और ग्राहकों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए रिजर्व बैंक कार्ड टोकनाइजेशन (card tokenisation) को लागू करने वाला है, जिसकी गाइडलाइंस रिजर्व बैंक ने 8 जनवरी, 2019 को जारी की थी.

समझें क्या है ‘कार्ड टोकनाइजेशन’ 

अगर आप भी ई-कॉमर्स वेबसाइट से शॉपिंग करते हैं और पेमेंट करते वक्त सिर्फ CVV नंबर डालते हैं, तो इसका मतलब ये हुआ कि ई कॉमर्स वेबसाइट के पास आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी पहले से स्टोर है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. ई कॉमर्स वेबसाइट्स आपके कार्ड की जानकारी स्टोर करके नहीं रख सकता है. इसकी जगह पर पेमेंट ‘टोकन सिस्टम’ के जरिए होगा. 

सरल भाषा में इसे समझें तो टोकनाइजेशन में आपको अपनी कार्ड डिटेल्स को डालने की जरूरत नहीं होती है, इसकी जगह पर एक यूनीक ऑल्टरनेट नंबर होता है जिसे ‘टोकन’ कहते हैं, जो आपके कार्ड से लिंक होता है. जिसके इस्तेमाल से आपकी कार्ड डिटेल्स सुरक्षित रहती है. मतलब जब आप किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट, जैसे- अमेजॉन या फ्लिपकार्ट पर शॉपिंग के बाद पेमेंट करेंगे तो आपको अपना 16 अंकों का कार्ड नंबर नहीं डालना होगा उसकी जगह पर टोकन नंबर डालना होगा.

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1 जनवरी, 2022 से नियम लागू

हर मर्चेंट का अलग टोकन नंबर होगा जिसके लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट को कार्ड पेमेंट कंपनियों से करार करना होगा. डेटा सिक्योरिटी में ग्राहकों का हितों को देखते हुए रिजर्व बैंक किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है, इसलिए टोकेनाइजेशन के जरिए ही ऑटो डेबिट पेमेंट होगा. ये नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएंगे. यानी 1 जनवरी से कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी ग्राहकों के कार्ड डिटेल्स को सेव करके नहीं रख पाएगी.

टोकन कहीं और इस्तेमाल नहीं हो सकेगा

ई-कॉमर्स मर्चेंट और पेमेंट प्रोवाइडर के बीच जारी हुआ टोकन और कहीं इस्तेमाल नहीं हो पाएगा और फ्रॉड की संभावना काफी कम हो जाएगी, और इस तरह से पेमेंट से जुड़ी प्रक्रिया भी जटिल होने की जगह सरल हो जाएगी. टोकन आईडी एक तरह से UPI ID की तर्ज पर होगी, जहां पर ग्राहक अपनी सभी का डिटेल जारी किए बिना पेमेंट कर पाएगा. ग्राहक के कार्ड्स इस टोकन से लिंक होंगे.

ऑटो डेबिट के नियम भी बदलेंगे 

डिजिटल पेमेंट से जुड़ी दूसरी बड़ी खबर ये है कि 1 अक्टूबर, 2021 से आपके डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के ऑटो डेबिट पर एडिशनल फैक्टर ऑटेंथिकेशन के नियम लागू हो जाएंगे. इसमें अलग-अलग पेमेंट के लिए ग्राहक की मंजूरी जरूरी होगी, यानी कई सारे यूटिलिटी पेमेंट पर ऑटो डेबिट बंद हो जाएगा. 

जैसे अभी आप शॉपिंग के बाद एक तय राशि तक की पेमेंट कार्ड को टैप करके कर सकते हैं. लेकिन अक्टूबर के बाद आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. इसके लिए आपको पेमेंट ऑथेंटिकेशन करना होगा, यानी कोई OTP वगैरह भी बताना होगा. इसके अलावा बैंकों को पेमेंट ड्यू डेट से 5 दिन पहले एक नोटिफिकेशन भेजना होगा, नोटिफिकेशन पर कस्टमर की मंजूरी जरूरी होगी, तभी पेमेंट हो सकेगा.

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