लुधियाना, [राजन कैंथ]। पंजाब में 6 हजार से ज्यादा विंटेज नंबर वाले वाहन हैं, जिनमें से काफी वाहनों की डिटेल आनलाइन अपलोड नहीं हुई है। इससे अपराधी तत्व विंटेज नंबर प्लेट लगाकर वारदात कर जाते हैं। उन तक पहुंचने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
पिछले महीने स्टेट ट्रांसपोर्ट कमीशन ने प्रत्येक जिले के आरटीए को आर्डर जारी किए थे कि विंटेज नंबरों को ब्लाक किया जाए, ताकि पुलिस विंटेज नंबर वाली गाड़ियों के चालान कर सके। पहले नंबर पर लुधियाना में 2500 हजार, दूसरे नंबर पर जालंधर में 1673 तो तीसरे नंबर पर अमृतसर में 1047 विंटेज नंबर वाले वाहन हैं। विंटेज नंबर ज्यादातर मंत्रियों, एमपी, एमएलए और कई रसूखदारों ने अपनी महंगी गाड़ियों पर लगवाए हुए हैं।
चौक-चौराहों पर नाके लगाकर काटे जाएंगे चालान
आरटीए सचिव हरप्रीत सिंह अटवाल ने बताया कि उनके पास नोटिफिकेशन आ गई है। सोमवार को अलग-अलग चौक-चौराहों पर नाके लगाकर विंटेज नंबर वाली गाड़ियों को रोककर चालान काटे जाएंगे। इसके अलावा यह भी पता किया जाएगा कि और कितने ऐसे वाहन हैं, जिन पर विंटेज नंबर लगे हुए हैं।
डीजीपी का सराहनीय कदम
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिष्द के सदस्य कंवलजीत सोई ने कहा कि यह डीजीपी का सराहनीय कदम है। ऐसी गाड़ियों पर अलग और आरसी पर अलग नंबर होता है। किसी वारदात के बाद सेफ सिटी के तहत लगे कैमरे उन नंबरों को कैच भी कर लें, तो भी वाहन साफ्टवेयर में अपडेट न होने के कारण वह नंबर ट्रैक ही नहीं हो पाते। अधिकतर वारदातें करने के लिए विंटेज नंबर वाली कारों का इस्तेमाल किया जाता है।
लुधियाना पुलिस पहले से लगातार ऐसे वाहनों के चालान काट रही है। सोमवार से इस मुहिम में और भी तेजी लाई जाएगी। दीपक पारिक, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लुधियाना