नई दिल्ली, राजीव कुमार। Aadhaar Card में आप अगर किसी प्रकार का चेंज कराने जा रहे हैं तो आपके अपने पिता या पति के साथ कार्ड में रिश्ते की पहचान सामने नहीं आएगी। आधार कार्ड अब रिश्तों को जाहिर करने वाला दस्तावेज नहीं रह गया है। यह सिर्फ आपकी विशिष्ट पहचान का माध्यम रह गया है। दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर रंधीर सिंह उस समय हैरान रह गए जब पत्नी के आधार कार्ड में घर का पता बदलने पर ‘वाइफ ऑफ’ की जगह ‘केयर ऑफ’ में उनका नाम आ गया। पहली बार उन्हें लगा कि कंप्यूटर सिस्टम में दिक्कत की वजह से ऐसा हो रहा है और वे आधार कार्ड में बदलाव के लिए पोस्ट आफिस, बैंक व अन्य कई अधिकृत केंद्रों पर गए, लेकिन सभी केंद्रों पर केयर ऑफ में ही उनका नाम आ रहा था।
सिंह पहले अशोक विहार पुलिस कालोनी में रहते थे और रिटायर होने के बाद पीतमपुरा में रहने लगे हैं। इसलिए वे परिवार के सभी सदस्य का आधार कार्ड में पता बदलने के लिए गए थे। बेटे के Aadhaar Card पर पिता का नाम की जगह केयर ऑफ आ रहा था।
उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर आधारित है यह चेंज
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है बदलाव इस बारे में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018 में आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत फैसला आया था। उस फैसले में लोगों की निजता की बात की गई है और उस आधार पर ही अब आधार कार्ड में रिश्तों की जानकारी नहीं दी जा रही है। हालांकि, यह बदलाव किस साल के किस महीने से किया गया, इसकी जानकारी यूआइडीएआइ की तरफ से नहीं दी गई।
आधार में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए अधिकृत आइटी मंत्रालय के अधीनस्थ काम करने वाले कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने बताया कि अब आधार कार्ड में पिता, पुत्र, पुत्री (वाइफ आफ, सन आफ, डाटर आफ) की जगह ‘केयर ऑफ’ प्रिंट हो रहा है। अगर कोई चाहे तो केयर ऑफ में भी किसी का नाम नहीं दे सकता है। सिर्फ नाम और पता देकर भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आधार की बदौलत रिश्ते तय नहीं हो सकते हैं।
आधार व्यक्ति विशेष की पहचान
त्यागी ने बताया कि आधार कार्ड में 12 अंकों के यूनिक नंबर दिए जाते हैं और वहीं उसकी विशिष्टता है जो उसके फिंगर प्रिंट और आंख से जुड़ा है। अगर कोई आधार कार्ड बनाने के बाद अपना नाम बदल लेता है तो भी यूनिक नंबर से उसकी पहचान हो जाएगी। यह पूरी तरह से व्यक्ति विशेष का पहचान पत्र है।
अनाथों को होगी आसानी
रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर सिंह का कहना है कि विशेष परिस्थिति में उनकी पत्नी अब यह कैसे दावा कर सकेगी कि वह किसकी पत्नी है। दूसरी तरफ जानकार यह भी कह रहे हैं आधार कार्ड में इस बदलाव से वे लोग भी आसानी से आधार कार्ड बनवा सकेंगे जो अनाथ हैं या जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है।