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हरियाणा

Divorce: पत्‍नी की क्रूरता से पति का 21 किलो वजन हुआ कम, हाई कोर्ट ने तलाक को दी मंजूरी, हिसार की घटना

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हरियाणा के हिसार में एक पत्‍नी अपने पति के साथ क्रूरता करती थी। हालात यह हो गए थे कि पत्‍नी की क्रूरता के कारण पति का वजन 21 किलो कम हो गया और उसकी हालत बुरी हो गई। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पत्‍नी के अत्याचार से पीडि़त इस व्‍यक्ति के तलाक को मंजूरी दे दी। पति को हिसार के पारिवारिक न्यायालय से प्राप्त किए गए विवाह विच्छेद के आदेश को यथावत को पत्‍नी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने पत्‍नी की अपील निरस्त कर दी।

हाई कोर्ट ने यथावत रखा पारिवारिक न्यायालय के विवाह-विच्छेद के निर्णय को

बता देकं कि हिसार के पारिवारिक न्यायालय ने पत्नी के स्वभाव को क्रूर मानते हुए 27 अगस्त 2019 को विवाह विच्छेद का निर्णय दिया था। हाई कोर्ट ने भी माना कि पति व उसके परिवार के साथ पत्नी द्वारा किया गया कृत्य मानसिक क्रूरता है।

पत्‍नी ने पारिवारिक न्यायालय हिसार के आदेश को चुनौती दी थी

पति की तरफ से पारिवारिक न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया था कि वह 50 प्रतिशत विकलांग है। वह पत्नी की यातना व क्रूरता इस आशा के साथ झेलता रहा कि एक दिन तो उसका व्यवहार बदलेगा। इसके विपरीत पत्‍नी के स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया, इससे उसके (पति के) स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। विवाह के समय उसका वजन 74 किलोग्राम था, जो अब 53 किलोग्राम रह गया।

पति का आरोप-पत्नी क्रूर है और परिवार वालों को अपमानित करती है

पति ने बताया कि दोनों का वैवाहिक जीवन सात वर्ष रहा और दोनों के एक बेटी है। पत्‍नी ने कई बार उसके विरुद्ध दहेज व अन्य आरोप में शिकायतें भी दर्ज कराई, जो जांच में झूठी पाई गईं। पति के अनुसार उसकी पत्‍नी हिंसक प्रकृति की है। वह गुस्से में नन्ही बेटी को थप्पड़, लात-घूंसे मारती थी। वह परिवार के लोगों को भी अपमानित करती है।

हाई कोर्ट ने दस्तावेजों का अवलोकन किया तो पाया कि पति का परिवार काफी पढ़ा लिखा व उच्च पदों पर कार्यरत रहा। विवाह के बाद पत्‍नी की प्रसन्नता के लिए दोनों को केरल व कई जगह घूमने के लिए भेजा गया। विवाह के बाद पत्नी की आगे की पढ़ाई करा उसे एक प्रतिष्ठित विद्यालय में शिक्षिका के रूप में नियुक्त कराया गया।

हाई कोर्ट ने इन सबसे तथ्यों के आधार पर आकलन किया कि पति के परिवार ने पत्नी को प्रसन्न रखने के लिए हरसंभव प्रयास किया, लेकिन उसने परिवार को सम्मान नहीं दिया। पत्नी सात साल से पति से अलग रह रही है। इसलिए पारिवारिक न्यायालय का निर्णय उचित है।

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