बहराइच, संवाद सूत्र। केंद्र सरकार के लागू किए गए कृषि कानूनों का किसान संगठन लगातार विरोध कर रहें हैं। इसी बीच गुरुवार की शाम किसानों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत के विरोध में बहराइच जिले के विकास भवन, जिला जज गेट के सामने, जेल के पीछे की दीवार, पानी टंकी, केडीसी तिराहा, कचेहरी रोड, रेलवे स्टेशन, रोडवेज समेत कई स्थानों पर पोस्टर लगाए गए। दीवारों पर लगे पोस्टर किसान कर्ज मुक्त अभियान कमेटी नाम के संगठन की और से लगाए गए। पोस्टर में राकेश टिकैत को किसान के नाम पर कलंक बताते हुए उन्हें जूते मारने पर 11 लाख का इनाम देने की घोषणा की गई है। इस पोस्टर में किसान नेता टिकैत पर खालिस्तान, देशद्रोही, हवाला और कांग्रेस से फंडिंग कर आंदोलन चलाने का आरोप लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं पोस्टर में किसान नेता टिकैत को किसान कुल का कंस तक बताया गया है। पोस्टर लगने के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया। लोग एक-दूसरे से इस मुद्दे पर चर्चा में जुट गए। पुलिस ने पोस्टर लगाने वाले किसान कर्ज मुक्त अभियान कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक जयनू ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। आनन-फानन में पुलिसकर्मियों ने शहर के विभिन्न दीवारों पर लगे पोस्टरों को हटवाया।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप: महारानी पद्मावती यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवानी ठाकुर ने जयनू ठाकुर के गिरफ्तारी में लापरवाह कार्यशैली का आरोप लगाया है। भवानी ठाकुर का कहना है कि किसान कर्ज मुक्त अभियान कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक जयनू ठाकुर पर किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ पोस्टर लगवाने का आरोप लगा था।
गुरुवार की रात एसपी सिटी कुंवर ज्ञानंजय सिंह एवं सीओ कैसरगंज के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों की टीम हुजूरपुर थाना क्षेत्र के त्रिभुवनदत्तपूरा स्थित त्रिभुवन आश्रम पहुंची। पुलिस ने लापरवाही पूर्वक जयनू ठाकुर के बजाए भवानी ठाकुर को पकड़ लिया। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने भवानी ठाकुर को छोड़ जयनू ठाकुर को गिरफ्तार किया। भवानी ठाकुर का आरोप है कि पुलिस टिकैत संगठन पर मेहरबान है। जबकि यह संगठन प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी पूर्व विधायक दिलीप वर्मा ने मुख्यमंत्री और ठाकुरों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। एसपी से शिकायत करने के बावजूद मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। उनका कहना है कि जयनू ठाकुर की गिरफ्तारी से जिले के किसानों में आक्रोश है। किसी भी समय हजारों किसान सड़क पर उतर सकते हैं।
खुफिया तंत्र की खुली पोल: व्यस्ततम शहर के कई जगहों पर किसान नेता के विरोध में पोस्टर लगते रहे लेकिन प्रशासन के खुफिया तंत्र को इसकी तनिक भी भनक नहीं लगी। पोस्टर लगने के बाद जब उसकी चर्चाएं जोर हुई तब प्रशासन हरकत में आया। ऐसे में खुफिया तंत्र की पोल खुल गई।