Mumbai-Ahmedabad bullet train: भारतीय रेलवे ने मुंबई-अहमदाबाद रूट पर प्रस्तावित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के काम में तेजी को लेकर कमर कस ली है. रेलवे ने इस 508 किलोमीटर लंबे रूट पर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर पुलों के निर्माण के लिए विशेष तौर से तैयार एक विशालकाय मशीन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट (MAHSR) के तहत ये विशालकाय मशीन (Full Span Launching Equipment-Straddle Carrier and Girder Transporter) रेल कॉरिडोर पर तेजी से पुलों के निर्माण में काम आएगी.
ये मशीन Full Span Launching Methodology(FSLM) पर काम करती है, जोकि अन्य तकनीकों के मुकाबले कहीं ज्यादा तेज है. यही वजह है कि इस तकनीक का इस्तेमाल आजकल दुनिया भर में किया जा रहा है. इसकी मदद से डबल ट्रैक पर पुलों के निर्माण के लिए गर्डरों (girders) को पूरा एक ही बार में तैयार कर लिया जाएगा. जिसके बाद इनको लॉन्च करने के काम में तेजी आएगी. इसके साथ हाई भारत अब इटली, नॉर्वे, कोरिया और चीन जैसे उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो इस तरह की मशीनों को डिजाइन और मैन्यूफेक्चर कर रहे हैं.
लार्सन एंड टुब्रो ने तैयार की है ये मशीन
इस FSLM मशीन को इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की टॉप कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने तैयार किया है. इसका निर्माण L&T के कांचीपुरम, चेन्नई स्थित मैन्यूफेक्चरिंग प्लांट में किया गया है. इसके लिए कंपनी ने माइक्रो-स्मॉल मीडियम एंटरप्राइज (MSME) क्षेत्र की 55 कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है. वापी और अहमदाबाद के बीच 325 किमी लंबे कॉरिडोर पर पुलों के निर्माण के लिए इस तरह की 20 मशीनों की आवश्यकता है. बता दें कि L&T को मुंबई-अहमदाबाद के बीच 237 किमी लंबे रूट के डिजाइन और निर्माण के लिए सरकार से 25,000 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल हुआ है.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर कुल लागत 1.08 लाख करोड़ आंकी गई है जिसके लिए जापान इंटरनेश्नल को-ऑपरेशन एजेंसी द्वारा फंडिंग भी की जा रही है. साथ हाई मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट (MAHSR) के जरिये इस क्षेत्र में 90,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है, जिसमें तकनीकी तौर पर दक्ष, स्किल्ड और अनस्किल्ड 51,000 लोगों को यहां रोजगार मिलेगा.