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लाइफस्टाइल

रोजाना इतने कदम चलना सेहत के लिए जरूरी, कम हो सकता है समय से पहले मौत का खतरा

नई दिल्ली: कहावत है कि स्वस्थ्य शरीर (Healthy Human Body) में ही सुंदर मन बसता है. स्वस्थ्य रहने के लिये आप बिना कुछ खर्च किये क्या कर सकते हैं. इस सवाल के जवाब में हेल्थ एक्सपर्ट और घर के बड़े बूढ़े आपको पैदल चलने यानी सैर की सलाह जरूर देंगे. पैदल चलने के कई फायदे होते हैं. अगर हम अच्छी नींद लें और रोजाना कुछ निश्चित दूरी तक पैदल चलें तो डॉक्टर के पास जाने से बचा जा सकता है. रोज 20-30 मिनट पैदल चलने से बॉडी अच्छी रहती है और फिजिकल हेल्थ में सुधार आता है. इतना ही नहीं, पैदल चलना कई बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करता है. 

रिसर्च में दावा

बिना पसीना बहाए, हैवी वर्कआउट करने की जगह सिर्फ पैदल चलने से काफी फायदे हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि कई रिसर्च और डॉक्टरों का मानना है. जानिए महज आधे घंटे का मॉर्निंग या इवनिंग वॉक यानी पैदल चलना आपको कई बीमारियों से बचा सकता है. दरअसल हेल्थलाइन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, एक शोध के नतीजों में सामने आया है कि जो लोग रोजाना 7,000 से कम कदम चलते हैं, उनकी तुलना में रोज 7,000 कदम चलने वालों में स्टडी के दौरान मरने का जोखिम 50 से 70% कम था.

मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी (University of Massachusetts) की देखरेख में हुई स्टडी के सैंपल साइज की बात करें तो इसमें मीडियम एज के 2,000 लोगों को शामिल किया गया. इस दौरान सभी की जिंदगी में 11 साल की ड्यूरेशन में सामने आए अलग-अलग बदलावों पर फोकस किया गया. स्टडी में एक और दिलचस्प बात ये सामने आई कि मौत का रिस्क इन पैदल चलने वालों के स्टेप्स की स्पीड जुड़ा नहीं था.

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं का दावा

इससे पहले ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 90,000 लोगों पर हुई स्टडी के मुताबिक, हफ्ते में एक या दो बार तेज चाल में टहलने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर से होने वाली मौत का रिस्क कम होने का दावा किया गया था. यानी जो लोग हर हफ्ते रोज 10 मिनट से एक घंटे तक टहलते या बागबानी करते थे, उनमें कई बीमारियों से होने वाली मौत का खतरा 18% कम था. वहीं हफ्ते में ढाई से पांच घंटे तक वॉक करने वाले लोगों में मौत का खतरा 31% कम बताया गया था. 

7000 से 10000 कदम रोज क्यों?

हालांकि ज्यादातर फिटनेस ट्रैकिंग डिवाइस दिनभर में 10 हजार कदम चलने का गोल निर्धारित करते हैं, आखिर क्यों, दरअसल 10 हजार कदम रोजाना चलने के पीछे का कारण असल में अनुसंधान और विज्ञान के साथ हिस्ट्री से भी जुड़ा हुआ है. हार्वर्ड टी.एच. में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर आई-मिन ली के अनुसार, रोजाना 10,000 कदम का टारगेट 1960 के दशक में जापान से लोकप्रिय हुआ था. एक घड़ी निर्माता ने 1964 के टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद फिटनेस में रुचि रखने वाले लोगों के लिए पेडोमीटर बनाया था जिसमें स्वस्थ रहने के लिए रोजाना हर व्यक्ति के लिए 10 हजार कदम चलने का लक्ष्य रखा गया. इस तरह इसकी शुरुआत मानी जा सकती है.

पैदल चलने के फायदे

अगर आप नियमित रूप से 30 मिनट पैदल चलेंगे तो मेंटल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होगा. एक स्टडी में पाया गया है कि कम प्रभाव वाले एरोबिक एक्सरसाइज जैसे पैदल चलना, शुरुआती डिमेंशिया (dementia) होन से बचाता है. साथ ही, अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करता है. 

हार्ट की किसी भी बीमारी से बचने की बात करें तो पैदल चलना एक अच्छा उपाय है. जब हृदय रोग या स्ट्रोक को रोकने की बात हो, तो पैदल चलना, दौड़ने से कम प्रभावी नहीं होता. पैदल चलने से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम रहेगा, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आएगा और हार्ट संबंधी किसी भी समस्या में सुधार आएगा. इसी तरह रोजाना 30 मिनट पैदल चलने से डाइजेशन तो ठीक रहेगा ही, साथ ही कब्ज और पेट के कैंसर जैसी बीमारियों से भी दूर रहा जा सकता है. इससे बॉडी के ग्लूकोज टॉलरेंस में सुधार आता है.

(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है. किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें.)

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