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दिल्ली/एनसीआर

Delhi को जल्द मिलेगा एक और Multi Super Specialty Hospital, जानिए क्या होंगी इसकी खासियतें

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Delhi Hospitals: अस्‍पताल के ल‍िये जमीन का आवंटन 1997 में हुआ था. इसके ल‍िये पूर्व की शीला दीक्ष‍ित की सरकार द्वारा 2007 में अस्‍पताल निर्माण के ल‍िये 350 करोड़ रुपये का फंड भी आवंट‍ित क‍िया था. अस्‍पताल की आधारश‍िला पूर्व सीएम शीला दीक्ष‍ित ने रखी थी. अस्पताल के निर्माण के लिए 15 एकड़ जमीन आवंटित की थी. लेक‍िन अब यह 24 एकड़ में तैयार क‍िया जा रहा है. 750 बेड की जगह अब इसमें 1241 बेड की व्‍यवस्‍था की जा रही है.

नई द‍िल्‍ली. कोरोना की थर्ड वेव (Third wave of Corona) से निपटने के लिए और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में दिल्ली सरकार (Delhi Government) हर संभव कोशिश में जुटी हुई है. दिल्ली सरकार की ओर से जल्द ही साउथ वेस्‍ट द‍िल्‍ली के द्वारका में एक नया मल्टी सुपर स्पेशि‍यलिटी अस्पताल (Multi Super Specialty Hospital) बनकर तैयार हो जाएगा.

द्वारका (Dwarka) में तैयार क‍िए जा रहे इस मल्‍टी स्‍टोरी अस्‍पताल भवन को कुल 24 एकड़ एर‍िया में बनाया जा रहा है. इस पर कुल लागत 932 करोड़ आने का अनुमान है. कोरोना की संभाव‍ित थर्ड वेव के चलते इसको और ज्‍यादा अत्‍याधु‍न‍िक सुव‍िधाओं से लैस क‍िया जा रहा है.

स्‍वास्‍थ्य व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों की मानें तो द्वारका सब-स‍िटी (Dwarka Sub-City) में बन रहे इस अस्‍पताल का आसपास की आबादी को बेहतर चिक‍ित्‍सा सुव‍िधा उपलब्‍ध हो सकेगी. सब-स‍िटी में बनाया जा रहा यह अस्‍पताल अपने आप में पहला सुपर स्‍पेशि‍यल‍िटी सरकारी अस्‍पताल होगा.

बताया जाता है क‍ि द्वारका सेक्टर-9 में लंबे समय से निर्माणाधीन इंदिरा गांधी मल्‍टी सुपर स्‍पेशि‍यल‍िटी अस्पताल (Indira Gandhi Super Speciality Hospital) की इमारत को 30 जून को स्वास्थ्य विभाग को सौंप द‍िया गया था. इस अस्पताल की इमारत भूकंपरोधी व दिव्यांगों के लिए अनुकूल है.

डीडीए ने 1997 में आवंट‍ित की थी अस्‍पताल के ल‍िए जमीन
बताते चलें क‍ि अस्‍पताल के ल‍िये जमीन का आवंटन 1997 में हुआ था. इसके ल‍िये पूर्व की शीला दीक्ष‍ित (Sheila Dikshit) की सरकार द्वारा 2007 में अस्‍पताल निर्माण के ल‍िये 350 करोड़ रुपये का फंड भी आवंट‍ित क‍िया था. लेक‍िन करीब 24 साल से इस अस्‍पताल का न‍िर्माण अधर में लटका हुआ था. अस्‍पताल की आधारश‍िला पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्ष‍ित ने रखी थी.

हालांक‍ि वर्ष 1997 में डीडीए (DDA) ने स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल के निर्माण के लिए 15 एकड़ जमीन आवंटित की थी. लेक‍िन अब यह 24 एकड़ में तैयार क‍िया जा रहा है. 15 एकड़ में इसका न‍िर्माण 750 बेड के रूप में क‍िया जाना था लेक‍िन आबादी और जरूरत बढ़ने के ह‍िसाब से इसको 24 एकड़ में 1241 बेड का कर द‍िया गया.

भव‍िष्‍य में मेड‍िकल कॉलेज स्‍थापना करने की भी योजना
स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के मुताबिक इस अस्‍पताल में एक ह‍िस्‍से को खाली रखा गया है. इस एर‍िया में अस्‍पताल प्रशासन की ओर से भव‍िष्‍य में मेड‍िकल कॉलेज की स्‍थापना भी क‍िए जाने की योजना है. इससे न केवल मेड‍िकल की सीटों में बढ़ोत्‍तरी हो सकेगी बल्‍क‍ि क्षेत्र में एक नया मेड‍िकल कॉलेज भी म‍िल सकेगा.

अस्‍पताल में मरीजों को म‍िलेंगी ये सभी खास मेडिकल सुव‍िधाएं
नवन‍िर्मित अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग, आर्थोपेडिक विभाग, मेडिसन विभाग, सर्जरी विभाग, नेत्र विज्ञान विभाग, ईएनटी (आंख- कान-गला) विभाग, त्वचा विभाग, पैथोलाजी विभाग, माइक्रो बॉयोलाजी विभाग, एनेस्थीसिया विभाग, रेडियोलाजी विभाग व पीडिऐट्रिक्स विभाग शामिल है। साथ ही इसमें ओपीडी, आईपीडी, इमरजेंसी, लैब सर्विस, रेडियोलाजी (एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड), ब्लड बैंक, फिजि‍योथेरेपी, आईसीयू व डायलिसिस आद‍ि की सुविधा भी होगी. अस्‍पताल में डायलिसिस को सुव‍िधा भी मुहैया कराई जाएगी.

ऑक्‍सीजन प्‍लांट व स्‍टोरेज टैंक स्‍थाप‍ित क‍िए जा रहे
इन सुव‍िधाओं के अलावा अस्‍पताल प्रशासन की ओर से यहां पर ऑक्‍सीजन प्‍लांट भी लगाये जा रहे हैं. ऑक्‍सीजन स्‍टोरज की व्‍यवस्‍था के ल‍िये यहां पर ऑक्‍सीजन टैंक भी लगाये जा रहे हैं. ज‍िससे क‍ि जरूरत पड़ने पर ऑक्‍सीजन की उपलब्‍धता हो सकेगी. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्‍सीजन की भारी क‍िल्‍लत के चलते सरकार की ओर से ज्‍यादा से ज्‍यादा ऑक्‍सीजन प्‍लांट, ऑक्‍सीजन स्‍टोरेज और टैंकर आद‍ि की व्‍यवस्था की जा रही है.

आसपास के अस्‍पतालों पर कम हो सकेगा मरीजों का दवाब
अस्‍पताल का न‍िर्माण पूरा होने के बाद साउथ वेस्‍ट द‍िल्‍ली के ज‍िन इलाकों को इससे बड़ा फायदा होगा उनमें द्वारका के अलावा पालम, पालम कालोनी, नजफगढ़, मधु व‍िहार, राज नगर, उत्‍तम नगर, जनकपुरी आद‍ि क्षेत्र के लाखों लोगों को इससे फायदा होगा. मौजूदा समय में कोई बड़ा अस्‍पताल नहीं होने की वजह से हरि नगर स्‍थित दीन दयाल उपाध्‍याय अस्‍पताल और जनकपुरी सुपर स्‍पेशियल‍िटी अस्‍पताल पर भारी दवाब रहता था. हालांक‍ि अभी जनकपुरी अस्‍पताल भी पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है. इन दोनों अस्‍पतालों पर मरीजों का दवाब बना रहता है.

जानकारी के मुताबिक इन अस्‍पतालों के अलावा क्षेत्र के लोगों को राम मनोहर लोह‍िया अस्‍पताल, सफदरजंग और दूसरे अस्‍पतालों में इलाज के ल‍िये जाना होता था. लेक‍िन अब आसपास के इलाकों को क्षेत्र में ही मल्‍टी स्‍पेश‍ियल‍िटी अस्‍पताल उपलब्‍ध हो सकेगा. वहीं कोरोना की संभाव‍ित थर्ड वेव से भी न‍िपटने में यह अस्‍पताल बड़ा मील का पत्‍थर साब‍ित हो सकेगा.

जरूरत पड़ने पर अस्‍पताल कॉर‍िडोर में लगाये जा सकेंगे ब‍िस्‍तर
स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग के मुताबिक अस्‍पताल में ओपीडी और वार्ड ब्‍लॉक तैयार हैं और इमरजेंसी वार्ड भी जल्‍द ही तैयार हो जाएगा. इमारत में कॉर‍िडोर की चौड़ाई भी 11-11 फीट है ज‍िसमें जरूरत पड़ने पर अत‍िर‍िक्‍त बेड आद‍ि की व्‍यवस्‍था भी आसानी से की जा सकती है. वहीं, सरकार की और मौजूदा अस्‍पतालों में रिमॉडल‍िंग योजना के तहत हेल्‍थ इन्‍फ्रांस्‍ट्रक्‍चर को मजबूत करने और नये वार्ड ब्‍लॉक बनाने का काम भी तेजी के साथ क‍िया जा रहा है.

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