All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

करियर की शुरुआत में ही आजमाइए Financial Planning से जुड़े ये पांच टिप्स, उज्ज्वल होगा आपके परिवार का आर्थिक भविष्य

saving_pexels

नई दिल्ली, राहुल जैन। देशभर में पिछले हफ्ते गणेश चतुर्थी का त्योहार पारंपरिक धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया गया। भगवान गणेश के कई नाम हैं। इनमें विघ्नहर्ता भी शामिल है। अधिकतर लोग अपनी दिक्कतों और पीड़ा को दूर करने के लिए उन्हें इस नाम से जानते हैं। भगवान एक तरफ अपने श्रद्धालुओं की समस्याओं का समाधान करते हैं। दूसरी ओर, आप इस गणेश चतुर्थी पर अपने विघ्नहर्ता बन सकते हैं। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। आइए इस बात पर चर्चा करते हैंः

इमरजेंसी फंड बनाइए

इमरजेंसी बता कर नहीं आती। किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में आपात स्थिति अचानक आ जाती है और पलक झपकते आपकी मजबूत फाइनेंशियल प्लानिंग पटरी से उतर जाती है। कोविड-19 संकट ने दिखाया है कि किस तरह से कुछ दिनों में ही चीजें बिल्कुल बदल जाती है। इसने वित्तीय दबाव के स्तर को भी बढ़ा दिया है। हालांकि, अगर आपके पोर्टफोलियो में इमरजेंसी फंड शामिल है तो आपके लिए चीजें थोड़ी आसान साबित हो सकती है। यह ना सिर्फ आपको मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालने में कारगर सिद्ध होता है, बल्कि आपकी महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं का समाधान भी आसानी से कर देता है।

ऐसे में अपने एक साल के खर्च के बराबर का इमरजेंसी फंड बनाइए। इसके लिए ऐसे लिक्विड एसेट्स में निवेश कीजिए, जिसे आप जब भी चाहें एक्सेस कर सकते हैं। आप अपने मुश्किल दिनों में मदद के वास्ते इमरजेंसी फंड बनाने के लिए लिक्विड फंड्स या बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं। इस फंड को बनाने के लिए भी सेफ्टी, लिक्विडिटी और रिटर्न (SLR) के सिद्धांत का पालन कीजिए क्योंकि आपको इमरजेंसी फंड बनाते समय भी रिटर्न पर गौर करना चाहिए। इसे किसी भी और मद में डाइवर्ट मत कीजिए और समय-समय पर इसे और समृद्ध करते रहिए।

लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस खरीदिए

पर्सनल फाइनेंस के अहम घटकों में शामिल इंश्योरेंस अचानक आने वाली किसी भी मुश्किल परिस्थिति में आपका और आप पर निर्भर लोगों का आर्थिक रूप से बचाव करती है। जीवन के लिए आपको टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान को अपनाना चाहिए। टर्म प्लान, लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के सबसे सस्ते माध्यम हैं और आपको मामूली प्रीमियम पर बड़ी राशि का इंश्योरेंस कवर मिल जाता है। आपको महज कुछ हजार रुपये के प्रीमियम पर एक करोड़ रुपये तक का टर्म इंश्योरेंस मिल सकता है।

इसी तरह हेल्थ इंश्योरेंस आपको सेविंग से होने वाले खर्च से बजाता है और किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के समय आपको वित्तीय संबल प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल सेक्टर में आई महंगाई दर को देखते हुए कहा जा सकता है कि मेडिकल इंश्योरेंस आधुनिक समय की अपरिहार्य जरूरत बन गया है।

अगर आप किसी महानगर में रह रहे हैं तो आपको 10 लाख रुपये का फैमिली फ्लोटर प्लान लेना ही चाहिए। साथ ही अपने कवरेज को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पांच लाख रुपये का टॉप-अप प्लान भी खरीदिए। इसके साथ-ही-साथ समय-समय पर अपने कवरेज का आकलन और अंतर को भरना भी जरूरी है।

इसी तरह हेल्थ इंश्योरेंस आपको सेविंग से होने वाले खर्च से बजाता है और किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के समय आपको वित्तीय संबल प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल सेक्टर में आई महंगाई दर को देखते हुए कहा जा सकता है कि मेडिकल इंश्योरेंस आधुनिक समय की अपरिहार्य जरूरत बन गया है।

अगर आप किसी महानगर में रह रहे हैं तो आपको 10 लाख रुपये का फैमिली फ्लोटर प्लान लेना ही चाहिए। साथ ही अपने कवरेज को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पांच लाख रुपये का टॉप-अप प्लान भी खरीदिए। इसके साथ-ही-साथ समय-समय पर अपने कवरेज का आकलन और अंतर को भरना भी जरूरी है।

महंगाई दर को मात देने के लिए इक्विटीज में इंवेस्ट कीजिए

महंगाई दर समय के साथ रुपये के वैल्यू को कम कर देता है। ऐसे में आपका इच्छित फंड कम पड़ने का जोखिम पैदा हो सकता है। हालांकि, आप इक्विटी में इंवेस्टमेंट के जरिए महंगाई दर को मात दे सकते हैं। इक्विटी ऐसे ऐसेट क्लास में आता है, जिसमें लंबी अवधि में महंगाई दर को मात देने का माद्दा है। आप स्टॉक में सीधे निवेश कर सकते हैं या म्युचुअल फंड का सहार ले सकते हैं।

अगर आपको बाजार की अच्छी जानकारी है और आप आंकड़ों को समझ सकते हैं और उनके उतार-चढ़ाव पर नजर रख सकते हैं तो आप सीधे स्टॉक में निवेश कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो फिर म्यूचुअल फंड्स बेहतर विकल्प हैं। आप पोर्टफोलियो में उचित मात्रा में इक्विटी होने पर महंगाई दर को मात दे सकते हैं।

अपने पोर्टफोलिया का करें विविधीकरण

पोर्टफोलियो के विविधीकरण से आपको जोखिम को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलती है। अलग-अलग एसेट क्लास में विविधीकरण से आपके एसेट क्लास को एक तरह का स्थायित्व मिलता है।

अधिकतम विविधीकरण इस बात को सुनिश्चित करता है कि एक एसेट क्लास अगर अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो दूसरा उसकी भरपाई करता है। हालांकि, ज्यादा विविधीकरण भी ठीक नहीं है और इससे आपका पोर्टफोलियो इतना व्यापक हो जाएगा, जिसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाएगा।

अब आखिरी टिप्स

वित्तीय अनुशासन और ऊपर बताए गए कदमों से आप तमाम बाधाओं को पार कर सकते हैं और संकट के समय में अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रख सकते हैं।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top