पानीपत, जागरण संवाददाता। इस बार मानसून की बारिश की झड़ी ऐसे-ऐसे रिकार्ड बना रही है कि बरसों के रिकार्ड टूट रहे हैं। पानीपत में पहले 18 साल बाद एक ही दिन में डेढ़ सौ एमएम बारिश हुई तो 25 साल बाद मानसून सीजन में औसत से ज्यादा बारिश का रिकार्ड बन चुका है। वीरवार को दोपहर को एकाएक बादलों ने रूप बदला। समालखा से लेकर पानीपत तक झमाझम बरसने शुरू हो गए। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश होती रहेगी। अब 18 और 20 सितंबर को भी बारिश के आसार जताए जा रहे हैं।
जगह-जगह भरा बारिश का पानी
बारिश होने से जगह-जगह पानी भर गया। पिछले 10 दिनों से चल रही बारिश का पानी भी अभी तक उतर नहीं पाया। नगर निगम, पब्लिक हेल्थ की टीमें सीवर सफाई पर लगे रहे। हैंडलूम एसोसिएशन के प्रधान जोगेंद्र नरूला ने बताया कि बाजार में बारिश के पानी की जमाव के कारण ग्राहकी नदारद है। यह महीना मंदी में जा रहा है।
समालखा की तरफ ज्यादा बारिश, करनाल की तरफ कम
वैसे बारिश समालखा की तरफ ज्यादा हो रही है। करनाल की तरफ कम है। पानीपत में लघु सचिवालय, तहसील कैंप की तरफ तो केवल ठंडी हवा ही चल रही है। बारिश नहीं हो रही। इधर, सेक्टर 25, 29, मित्तल मेगा माल, सेक्टर 12 की तरफ बारिश हो रही है।
धान की फसल को अब नुकसान
इस बार बारिश थमने का नाम नहीं ले रही। पहले तो किसान कह रहे थे कि बारिश हो जाए। धान की फसल की सिंचाई हो जाएगी। मेघ इस बार इतने बरसे हैं कि शुरुआत में सिंचाई तो हो गई। लेकिन अब बारिश नहीं होनी चाहिए। पर बादल हैं कि थम नहीं रहे। खेत से पानी की निकासी करते हैं कि फिर से बारिश हो जाती है। पकी हुई फसल को नुकसान पहुंच सकता है। बीमारी भी लग सकती है।