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हरियाणा

World Polluted Cities: दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में सात हरियाणा के, गुरुग्राम व फरीदाबाद पहले पायदान पर

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अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में हरियाणा के सात शहरों का शामिल होना खतरे की घंटी से कम नहीं है। इस सूची में गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर टाप पर हैं। गुरुग्राम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा का प्रमुख आइटी हब है, जिसकी पूरी दुनिया में पहचान है। प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति खर्च में भी गुरुग्राम टाप पर है।

गुरुग्राम में प्रदूषण के बढ़ रहे स्तर और स्वास्थ्य पर पड़ रहे विपरीत असर की चिंता तो विधानसभा में दिखाई दी, लेकिन बाकी छह शहरों के प्रदूषण को लेकर जनप्रतिनिधि खास गंभीर नहीं हैं। स्विस संगठन ‘आइक्यू एयर’ द्वारा तैयार ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020’ में हरियाणा के जिन प्रदूषित शहरों का जिक्र किया गया है, उनमें जींद, हिसार, फतेहाबाद, यमुनानगर औऱ रोहतक भी शामिल हैं। गुरुग्राम इसमें सातवें और फरीदाबाद 11वें नंबर पर है।

प्रदूषण के मामले में जींद 13वें और हिसार 14वें पर नंबर पर है। कोरोना की पहली लहर के दौरान हालांकि प्रदूषण के स्तर पर काफी कमी आई थी, लेकिन दूसरी लहर आने तक प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ता जा रहा है। ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020’ को कुछ लोग यह कहकर खारिज कर सकते हैं कि एक साल पहले की रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण का मौजूदा स्तर नहीं आंका जा सकता, लेकिन इस रिपोर्ट को यदि कुछ समय पुरानी भी मान लिया जाए तो इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि राज्य में बढ़ता प्रदूषण सरकार, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और खासतौर से जनता के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है।

गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने बढ़ते प्रदूषण की चिंता की है। उनसे पहले पिछली विधानसभा में पलवल के तत्कालीन कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकारी बंदोबस्त को कठघरे में खड़े करते रहे हैं, जबकि फरीदाबाद के पूर्व विधायक एवं तत्कालीन उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अच्छा काम किया है। हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन के चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण की वजह तो विधानसभा में बताई ही, साथ ही शहरी निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता को पत्र लिखकर अपने बूते कम से कम 10 लाख पौधे रोपित करने की मंशा जाहिर की।

पौधों को रोपने के लिए उनकी देखभाल हो, इसके लिए बाकायदा हर पौधे की वीडियोग्राफी कराने का वादा भी राकेश दौलताबाद ने किया है, जो कि बाकी विधायकों व सांसदों के लिए किसी नसीहत से कम नहीं है। राकेश ने शहरी निकाय विभाग से करीब दस लाख पौधे मांगने के साथ ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी के साथ लगाने और पूरी तन्मयता के साथ उनकी देखभाल करने का भरोसा दिलाया है।

अगले तीन साल में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य

ऐसा भी नहीं है कि कोई सांसद, विधायक अथवा मंत्री पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करे और उसे सरकार का साथ न मिले। बरसात के मौसम में पौधे लगाकर फोटो खिंचवाने की रस्म अदायगी से अतिरिक्त उनकी देखभाल बड़ी जरूरत बन गई है। कागजों में पौधे लगते हैं, लेकिन आज तक ऐसा कोई सर्वे नहीं हो पाया कि इनमें कितने जिंदा बचे और कितने फलीभूत हैं। विधायक राकेश दौलताबाद के अनुसार पिछले 12 साल में गुरुग्राम शहर में छह लाख से ज्यादा पौधे लगाने का दावा किया गया है, लेकिन यहां दो करोड़ वाहन हैं। 40 लाख की आबादी है। अगले तीन साल में एक करोड़ पौधे रोपित करने पर हम इनमें से 30 लाख तक पौधे बचा सकते हैं, इसलिए पर्यावरण संरक्षण में सभी की सहभागिता जरूरी है।

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