मोदी सरकार चीन पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. दरअसल Life Insurance Corporation(LIC) में चीनी निवेशकों को शेयर खरीदने से भारत सरकार रोकना चाहती है. भारत में अगल कुछ महीनों में एलआईसी का आईपीओ आने वाला है. केंद्र की मोदी सरकार इसमें विदेशी निवेशकों को अनुमति देने पर विचार कर रही है. पर इसके आईपोओ खरीदने से चीन के निवेशकों को रोकना चाहती है.
चीनी निवेशकों को नो एंट्री
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने वरिष्ठ सरकारी अफसरों और बैंकर के हवाले से यह सूचना दी है कि भारत सरकार चीनी निवेशकों को एलआईसी के शेयर खरीदने से रोकना चाहती है. इसके लिए केंद्र सराकर खास योजना भी बना रही है. दरअसल सरकार का मानना है कि एलआईसी जैसे कंपनियों में चीन के ओर से किया गया निवेश जोखिम पैदा कर सकता है. सरकार निवेश में पैदा होने वाले इन्ही जोखिमों को देखते हुए चीनी निवेशकों को एलआईसी के शेयर खरीदने से रोकना चाहती है. हालांकि अभीतक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
सीमा विवाद के कारण हो सकता निर्णय
पिछले साल गलवान घाटी में सीमा पर भारतीय जवान और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. इस संघर्ष में कई भारतीय जवान शहीद हुए थे. इस घटना के बाद से ही भारत चीन के प्रति सख्त रवैया अपना रहा है. भारत ने चीन के कई ऐप्स को भी भारत में बंद कर दिया है, जिसमें बहुचर्चित ऐप टिक-टॉक भी शामिल था.
एक सरकारी अधिकारी ने बाताया कि भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच पहले की तरह कारोबार जारी नहीं रखा जा सकता है. इसे देखते हुए चीनी निवेशकों को एलआईसी के आईपीओ खरीदने से रोके जाने की पूरी उम्मीद है. सरकार अगले साल मार्च तक एलआईसी के आईपीओ पेश करेगी. सरकार एलआईसी के 5 से 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. इससे करीब 1 लाख करोड़ रुपये जुटान की उम्मीद है.