पटना, राज्य ब्यूरो। भगवान श्रीराम के अस्तित्व (Lord Sri Rama Existance) पर सवाल उठाकर पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Ex CM Jitan Ram Manjhi) विवादों में आ गए हैं। भाजपा समेत अन्य दलों ने उनके इस बयान की निंदा की है। श्रीमद्भगवदगीता आपके द्वार अभियान के संस्थापक व पटना हाईकोर्ट के वकील संजीव मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को चुनौती दी है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। मिश्र ने कहा है कि मांझी में हिम्मत है तो वह ऐसा बयान अल्लाह के बारे में दें। बकौल मिश्रा, मांझी का बयान विवेक से परे है। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा श्रीराम को जीवित और महापुरुष व्यक्ति नहीं मानने पर संपूर्ण विश्व आश्चर्यचकित है। श्रीराम पर ऐसी ओछी टिप्पणी करके अपनी बुद्धि भ्रष्ट होने जाने का स्वत: प्रमाण मांझी ने दे दिया है।
मंत्री आलोक रंजन झा की मांग पाठ्यक्रम शामिल हो राम का संदर्भ
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा भगवान श्रीराम को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा के कई मंत्रियों ने सवाल खड़ा किया है। पार्टी की ओर से भाजपा प्रदेश मुख्यालय में सहयोग कार्यक्रम के दौरान बुधवार को पत्रकारों के सवाल पर युवा एवं कला संस्कृति मंत्री आलोक रंजन झा (Minister Alok Ranjan Jha) ने कहा कि राम हम सबों के आराध्य एवं प्रेरणास्रोत हैं। बिहार के पाठ्यक्रम में राम के संदर्भ को शामिल किया जाए। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि भगवान राम हम सबों के आराध्य हैं, राम के अलावा कुछ नहीं। बता दें कि बुधवार को भी मांझी अपने बयान पर कायम रहे। उन्होंने कहा कि वे अब भी कहते हैं कि श्रीराम भगवान नहीं थे। वैसे यह उनका व्यक्तिगत विचार है। वे नहीं मानते कि श्रीराम भगवान थे। हां, वे महानायक थे। उनके बताए रास्ते का अनुसरण करना चाहिए।