नई दिल्ली, पीटीआइ। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए नवंबर में सेबी के समक्ष मसौदा दस्तावेज प्रस्तुत करेगी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह बात कही। अधिकारी ने कहा, ”हम चालू वित्त वर्ष में आईपीओ लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमने सख्त समयसीमा तय की है। नवबंर में DRHP प्रस्तुत किया जाएगा।”
सरकार ने पिछले महीने देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC के इनिशियल पब्लिक ऑफर को मैनेज करने के लिए Goldman Sachs (India) Securities Pvt Ltd, Citigroup Global Markets India Pvt Ltd और Nomura Financial Advisory and Securities (India) Pvt Ltd सहित 10 मर्चेंट बैंकर्स को नियुक्ति किया है।
एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, BofA Securities, जे पी मोर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड और कोटक महिंद्रा कैपिटल कॉरपोरेशन लिमिटेड इनमें शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्ट्स प्रस्तुत होने के बाद मर्चेंट बैंकर्स जनवरी में वैश्विक और घरेलू इंवेस्टर्स के लिए रोड शो कराएंगे। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के आखिर यानी मार्च, 2022 तक कंपनी की लिस्टिंग कराने की है।
Cyril Amarchand Mangaldas को आईपीओ का लीगल एडवाइजर नियुक्त किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के इम्बेडेड वैल्यू के आकलन की प्रक्रिया में है और एक बार ऐसा होने के बाद विनिवेश से जुड़ा मंत्रियों का समूह इस बारे में निर्णय करेगा कि सरकार इस विनिवेश के जरिए अपनी हिस्सेदारी में कितनी कमी लाएगी।
सरकार ने आईपीओ से पूर्व एलआईसी के इम्बेडेड वैल्यू के आकलन के लिए एक्चुरियल फर्म मिलिमैन एडवाइजर्स एलएलपी की नियुक्ति की है।
सरकार विदेशी निवेशकों को LIC के आईपीओ में निवेश की अनुमति देने पर विचार कर रही है। सेबी के नियमों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक पब्लिक ऑफर के तहत शेयर खरीद सकते हैं। हालांकि, एलआईसी एक्ट में विदेशी निवेश से जुड़ा कोई प्रावधान मौजूद नहीं है। ऐसे में सरकार अगर विदेशी निवेशकों को इस ऑफर में निवेश की अनुमति देती है, तो एलआईसी एक्ट को इसके अनुरूप बनाना होगा।