नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने कहा है कि तिलहन की खेती को किसी भी तरह के घाटे से बचाने और किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए ऑयल मिशन में पाम की खेती वाले किसानों को बाजार मूल्य सुरक्षा दी जाएगी। इसके तहत खुले बाजार में मूल्य घटने पर पाम किसानों को भावांतर योजना की तर्ज पर उनके बैंक खाते में क्षतिपूर्ति की रकम जमा कराई जाएगी। चालू रबी सीजन में तिलहन खेती को प्रोत्साहित करने और खाद्य तेलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए चिन्हित 35 ऑयलसीड हब में 8.67 लाख मिनी किट वितरित किया जा रहा है। धान की फसल के बाद खाली पड़ी लगभग ढाई लाख हेक्टेयर परती जमीन में तिलहन की खेती की बोआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पाम ऑयल मिशन पर पूर्वोत्तर राज्यों के राष्ट्रीय सम्मेलन में खाद्य तेलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया गया। सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर इस मिशन को उच्च प्राथमिकता देते हुए 11,000 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इससे खाद्य तेलों की आयात निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी, वहीं किसानों को अच्छी आमदनी होगी।
देश में कुल खाद्य तेलों पाम ऑयल की हिस्सेदारी सर्वाधिक है, जबकि उत्पादन बहुत कम है। इसे बढ़ाने के लिए मिशन की शुरुआत की गई है, जिससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। वर्ष 2021-22 के दौरान अतिरिक्त 50,000 हेक्टेयर भूमि में ऑयल पाम के पौधे रोपे जाएंगे।
खरीफ सीजन के दौरान कुल 1.93 करोड़ हेक्टेयर भूमि में तिलहनी फसलों की खेती की गई है। रबी सीजन में इस बार सरसों की खेती पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसकी तैयारी कर ली गई है। देश के चिन्हित तिलहनी फसलों वाले क्षेत्रों के किसानों तक उन्नतशील प्रजाति के बीजों के मिनी किट पहुंचाए जा रहे हैं। केंद्रीय कृषि आयुक्त सुरेश मल्होत्रा के अनुसार देश में तिलहन की खेती के लिए सभी राज्यों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।