नई दिल्ली, पीटीआइ। पार्लर या इस तरह के अन्य आउटलेट के माध्यम से आइसक्रीम खरीदना महंगा हो गया है। केंद्रीय परोक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने एक स्पष्टीकरण में कहा है कि आइसक्रीम पार्लर या रेस्टोरेंट्स जैसी जगहों पर बिकने वाली आइसक्रीम पर 18 फीसद जीएसटी लगेगा। एक सर्कुलर में सीबीआइसी ने कहा कि पार्लर में आइसक्रीम बनाई नहीं जाती, बल्कि बनी-बनाई आइसक्रीम बेची जाती है। ऐसे में उन्हें रेस्टोरेंट्स में बनने और परोसे जाने वाले भोजन की तरह पांच फीसद जीएसटी के दायरे में नहीं रखा जा सकता है।
पिछले महीने लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी। उसमें 21 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में बदलाव किया गया था। विभिन्न उद्योग संगठनों ने संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी दरों को लेकर सीबीआइसी से स्पष्टीकरण मांगे थे। आइसक्रीम के मामले में बोर्ड ने कहा कि भले ही इसकी बिक्री में सेवा का कुछ पहलू शामिल हो, लेकिन पार्लर या रेस्टोरेंट में इसकी कुकिंग या पकाने की कोई विधि शामिल नहीं है। आइसक्रीम किसी पार्लर या रेस्टोरेंट्स में बनाई नहीं जाती है, बल्कि वहां सिर्फ बेची जाती है।
इस लिहाज से उसकी बिक्री एक बनी-बनाई वस्तु की बिक्री तरह मानी जाएगी।इस बारे में ईवाई के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि अथारिटी आफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने इस तरह के कई मामलों में यह व्यवस्था दी थी कि आइसक्रीम पार्लर में बेची गई आइसक्रीम को रेस्टोरेंट सर्विस की तरह लिया जाएगा, जिस पर पांच फीसद जीएसटी लागू है। अब सीबीआइसी के स्पष्टीकरण से उन सभी कारोबारियों में संशय की स्थिति पैदा होगी, जो कहीं और तैयार खाद्य पदार्थो की बिक्री करते हैं।