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Pension Scheme: दोगुनी होगी पेंशन! हटने वाली है 15000 रु की लिमिट? जानिए अब कितने मिलेंगे रुपये

rupees

Employee Pension Scheme: कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन तय होती है. लेकिन, इसमें लिमिट होने से रिटायरमेंट के बाद पेंशन बहुत ज्यादा नहीं है. इसलिए इस लिमिट को हटाने की मांग है.  

नई दिल्ली: Employee Pension Scheme: एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत निवेश पर लगे कैप को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब रोजाना सुनवाई हो रही है. लेकिन इस सुनवाई और इस मामले का आप से क्या लेना देना है. इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा. हम आपको समझाते हैं.

क्या है EPS सीमा को हटाने का मामला

इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले ये समझ लेते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या. अभी अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपए प्रति महीने तक सीमित है. मतलब, आपकी सैलरी चाहे जितनी हो, लेकिन पेंशन की कैलुकलेशन 15,000 रुपये पर ही होगी. इस लिमिट को हटाने को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को भारत संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से दायर याचिकाओं के उस बैच की सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की पेंशन को 15,000 रुपए तक सीमित नहीं किया जा सकता. इन मामलों की सुनवाई 17 अगस्त 2021 से रोजाना चल रहा है. 

अभी क्या है EPS को लेकर नियम?

जब हम नौकरी करने लगते हैं और EPF के सदस्य बन जाते हैं, तो उसी समय हम EPS के भी सदस्य बन जाते हैं.कर्मचारी अपनी सैलरी  का 12% हिस्सा EPF में देता है, इतनी ही रकम उसकी कंपनी की ओर से भी दी जाती है, लेकिन इसमें से एक हिस्सा 8.33 परसेंट EPS में भी जाता है. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अभी पेंशन योग्य वेतन अधिकतम 15 हजार रुपए ही है, मतलब कि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपये होता है.
जब कर्मचारी रिटायर होता है तब भी पेंशन की गणना करने के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपए ही माना जाता है, इस हिसाब से एक कर्मचारी EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 रुपए ही पा सकता है.

ऐसे होती है पेंशन की कैलकुलेशन

एक बात जरूर ध्यान दें कि अगर आपने EPS में योगदान 1 सितंबर, 2014 से पहले शुरू किया है तो आपके लिए पेंशन योगदान के लिए मंथली सैलरी की अधिकतम सीमा 6500 रुपये होगी. 1 सितंबर, 2014 के बाद अगर आप EPS से जुड़े हैं तो अधिकतम सैलरी की सीमा 15,000 होगी. अब देखिए कि पेंशन की कैलकुलेशन होती कैसे है.

EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला

मंथली पेंशन= (पेंशन योग्य सैलरी x EPS योगदान के साल)/70
यहां मान लेते हैं कर्मचारी ने 1 सितंबर, 2014 के बाद EPS में योगदान शुरू किया तो पेंशन योगदान 15,000 रुपये पर होगा. मान लीजिए कि उसने 30 साल तक नौकरी की है.
मंथली पेंशन = 15,000X30/70

                 = 6428 रुपये

अधिकतम और न्यूनतम पेंशन

एक बात और याद रहे कि कर्मचारी की 6 महीने या इससे ज्यादा की सर्विस को 1 साल माना जाएगा और इससे कम हुआ तो उसकी गिनती नहीं होगी. मतलब अगर कर्मचारी ने 14 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 15 साल माना जाएगा. लेकिन 14 साल 5 महीने  काम किया है तो सिर्फ 14 साल की ही सर्विस काउंट होगी. EPS के तहत मिनिमम पेंशन की राशि 1000 रुपये प्रति महीना होती है, जबकि अधिकतम पेंशन 7500 रुपये होती है.

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