दिल्ली के कई इलाकों में शुक्रवार को हवा में प्रदूषण का स्तर मानकों से छह गुना से ज्यादा दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में पराली जलाए जाने की घटनाएं बढ़ने से दिल्ली एनसीआर की हवा एक बार फिर खराब होने लगी है। मौसम वैज्ञानिकों कें मुताबिक अगले दो दिनों में हवा के रुख में होने वाले बदलाव से दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा में प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ेगा। दिवाली तक दिल्ली में हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाएगा।
दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने वाली संस्था सफर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के मथुरा रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 316 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया वहीं पीएम 10 का स्तर 295 पर रहा। इसी तरह दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास पीएम 2.5 का स्तर 306 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। जबकि पीएम 10 का स्तर 213 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। मानकों के तहत हवा में पीएम-2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम-10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के प्रोजेक्ट सफर के निदेशक डॉक्टर गुफरान बेग के मुताबिक हरियाणा और पंजाब में कुछ जगहों पर पराली जलाए जाने का असर दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। हवा की स्पीड कम होने के चलते आने वाले कुछ दिनों में हवा में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है।
मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी के मुताबिक दिल्ली में हवा की स्पीड काफी कम है। ऐसे में जो प्रदूषण यहां आ रहा है वो काफी समय तक यहां रुक रहा है। एक चक्रवात के चलते 31 अक्टूबर की शाम से हवाओं के रुख में बदलाव होगा। फिलहाल दिल्ली एनसीआर में उत्तर से ठंडी हवाएं आए रही हैं। 31 अक्टूबर की शाम से हवाओं के रुख में बदलाव होने के बाद दिल्ली और एनसीआर में दक्षिण और दक्षिण पश्चिम से हवाएं आने की संभावना है। इन हवाओं में नमी भी होगी। ऐसे में दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में और बढ़ोतरी होगी। दिवाली तक दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ सकता है।
सफर ने जारी की एडवाइजरी
बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। अधिक शारीरिक श्रम नहीं करना चाहिए। अस्थमा से पीड़ित लोगों को अपनी दवाएं पास रखनी चाहिए।
सभी के लिए है ये एडवाइजरी
सुबह और शाम बाहर जरूरत पड़ने पर या कम से कम निकलें
बहुत अधिक शारीरिक श्रम करने से बचें
जॉगिग के लिए जाने की बजाए हल्की वॉक पर जाएं
अगर आपको काफी कफ आ रहा है, सीने में भारीपन लग रहा है, छींक आ रही है, सांस लेने में दिक्कत या थकान हो रही है तो आराम करें कोई मेहनत वाला काम न करें
घर की खिड़कियां बंद रखें
घर में एसी बंद रखें तो अच्छा रहेगा
घर में मोमबत्ती या लकड़ी जलाने से बचें
घर में वैक्यूम क्लीनर की बजाए गीले पोछे से सफाई करें
घर से बाहर निकलें पर N-95 या P-100 मास्क पहनें तो बेहतर होगा
यही रहे हालात तो दिल्ली में नौ साल से ज्यादा कम हो सकती है उम्र
शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार भारत की एक चौथाई आबादी प्रदूषण के जिस स्तर का सामना कर रही है वैसा कोई अन्य मुल्क नहीं कर रहा। हालांकि बीते कुछ सालों में सुधार हुए है जिसे त्वरित गति देने की आवश्यकता है। रिपोर्ट कहती है कि प्रदूषण के खौफनाक असर की वजह से देश के कई हिस्सों में लोगों की उम्र नौ साल तक हो सकती है।
शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार अगर प्रदूषण ऐसा ही रहा तो दिल्ली में 9.7 साल तक उम्र कम हो जाएगी। वहीं उत्तर प्रदेश में खराब प्रदूषण 9.5 वर्ष आयु कमहो जाएगी। बिहार में जहां इसकी वजह से 8.8 साल आयु कम हो सकती है तो हरियाणा और झारखंड में लोगों की आयु पर क्रमश: 8.4 साल और 7.3 साल तक असर पड़ सकता है। रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया में एक्यूएलआई आंकड़ा बताता है कि अगर प्रदूषण को डब्लूएचओ निर्देशावली के अनुसार घटा दिया जाए तो औसत व्यक्ति की आयु 5 वर्ष से अधिक बढ़ जाएगी। स्वच्छ वायु नीतियों का फायदा उत्तर भारत जैसे प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स वाले क्षेत्रों में कहीं अधिक है जहां 480 मिलियन लोग जिस वायु में सांस लेते हैं, उसका प्रदूषण स्तर विश्व के किसी भी इलाके प्रदूषण स्तर से दस गुना अधिक है।