अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। सुबह के नौ बज रहे हैं। हाल ही में फैजाबाद जंक्शन से अयोध्या कैंट हुए रेलवे स्टेशन पर वाणिज्य निरीक्षक अजय सिंह अपने सहकर्मियों से निर्देश देने के अंदाज में कहते हैं कि पर्यटकोें के स्वागत के लिए पुष्प लाकर स्टेशन के मुख्य द्वार पर रख लो…। ट्रेन आने के बाद सभी मुख्य द्वार पर खड़े होकर उनका स्वागत करेंगे। तैयारियों में करीब दस मिनट का समय बीत जाता है और तभी पश्चिम दिशा से ट्रेने की सीटी सुनाई पड़ती है। लो..आ गई रामायण एक्सप्रेस…। यह कहते हुए वह आगे बढ़ते हैं और तब तक देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को लेकर रामायण एक्सप्रेस भी प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंच जाती है।
सबसे पहले ट्रेन से भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम के कर्मचारी उतरते हैं। उनके पीछे पूजा में उपयोग होने वाली घंटियों की ध्वनि करते हुए दिल्ली के वृंदावन फूड्स की टीम भगवा रंग को चोला पहने उतरी है। एक पल को ऐसा लगा कि मानो की किसी मंदिर के करीब पहुंच गए हों। इसके बाद एक-एक कर ट्रेन की बोगियों से उतरे पर्यटकों की मुख से सिर्फ जय श्रीराम का उद्घोष ही सुनाई पड़ रहा था। रामनगरी पहुंचकर श्रद्धालु अपने को निहाल महसूस कर रहे पर्यटकों की प्रबल इच्छा रामलला के दर्शन की रही। ट्रेन लेकर पहुंचे आईआरसीटीसी से जुड़े हेमंत कुमार ने बताया कि रामायण एक्सप्रेस में 132 पर्यटक यात्रा कर रहे हैं। यात्रा का पहला पड़ाव अयोध्या है। मंगलवार को दोपहर बाद ट्रेन बनारस की ओर प्रस्थान करेगी।
भगवान राम के गुणगान के साथ मोदी-योगी को दिया धन्यवादः रामायण एक्सप्रेस से अयोध्या पहुंचे पर्यटक भगवान राम का भजन एवं जयघोष करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद भी ज्ञापित कर रहे थे। मुंबई से पहुंचे डॉ. राजेंद्र तिवारी और यशोदा तिवारी पहली बार अयोध्या आए हैं। राजेंद्र कहते हैं कि राममंदिर के रूप में भारत विश्व पलट पर चमक रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दोनों की बधाई के पात्र है। चंड़ीगढ़ के रहने वाले रामदास गुप्त पहले भी अयोध्या आ चुके हैं। वह कहते हैं कि इस नगरी में जितनी बार भी आइये मन नहीं भरता है। गाजियाबाद निवासी सीके गुप्त अपनी पत्नी लक्ष्मी गुप्ता के साथ यात्रा पर हैं।
दंपति कहतेे हैं कि पहली पर अयोध्या पहुंचे हैं। यहां आकर काफी अच्छा लगा। भगवान राम के दर्शन हो जाएं तो यात्रा धन्य हो जाएगी। महराष्ट्र से आईं प्रेमलता लोहिया सीताराम-सीताराम जपते हुए स्टेशन से बाहर आती हैं। कहती हैं कि ट्रेन की व्यवस्थाएं काफी बेहतर हैं। नई दिल्ली के द्वारिका निवासी मृदुला और पद्मा भी पहली बार अयोध्या आईं हैं। दोनों की ही इच्छा अपने आराध्य भगवान राम की नगरी को सजते संवरते दिखने की है। राजस्थान के सत्यनारायण एवं एटा के विनोद कुमार भी रामनगरी पहुंच अपने को सौभाग्यशाली महसूस करते हैं।