प्राधिकरण ने 2013-14 में ग्रेटर नोएडा में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए प्लॉट्स की बिक्री की थी लेकिन अब रियल एस्टेट में बढ़ती मांग को देखते हुए एक बार फिर 4 बड़े भूखंड बेचने की तैयारी की है.
रियल-एस्टेट सेक्टर में मांग में तेजी के संकेत को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Indusrial Authority) ने ग्रुप हाउसिंग स्कीम के लिए एक बार फिर प्लॉट बेचने शुरू किए हैं. प्राधिकरण ने 2013-14 में ग्रेटर नोएडा में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए प्लॉट्स की बिक्री की थी लेकिन अब रियल एस्टेट में बढ़ती मांग को देखते हुए एक बार फिर 4 बड़े भूखंड बेचने की तैयारी की है.
9.72 एकड़ का है सबसे बड़ा प्लॉट, कीमत 127 करोड़ रुपये
सबसे छोटा भूखंड 5.83 एकड़ का है. इसकी कीमत 76.2 करोड़ रुपये रखी गई है. सिगमा 3 में मौजूद 9.72 एकड़ के प्लॉट की कीमत 127 करोड़ रुपये है. ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के ग्रुप हाउसिंग सेक्शन ने मंगलवार को इन प्लॉट के लिए आवेदनों की जांच की थी. इन स्कीमों के लिए सात आवेदकों ने अप्लाई किए हैं. अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में रियल एस्टेट सेक्टर में मांग की कमी और कमजोर सेंटिमेंट की वजह से उन्हें आवेदकों की ओर से इन स्कीम के लिए ज्यादा दिलचस्पी दिखाए जाने की उम्मीद नहीं थी. लेकिन ग्रुप स्कीम में आवेदकों ने दिलचस्पी दिखाई है.
प्राधिकरण ने कड़ी की शर्तें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग स्कीमों में हुई गलतियों से सबक लेते हुए इस बार प्लॉट की कीमत का 50 फीसदी पैसा तुरंत लेने का फैसला किया है. पहले 10 फीसदी पैसा लेकर प्लॉट आवंटित किए गए थे. पार्टी को आवंटन के 60 दिन के अंदर प्लॉट की 50 फीसदी कीमत देनी होगी. बाकी पैसा चार साल के अंदर आठ किस्तों में देना होगा. अथॉरिटी ने कहा है कि सभी फेज के प्लान आउटले समय पर पूरे करने के मामले में कड़ी शर्तें रखी हैं. ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि बिल्डर्स के लिए नई ग्रुप हाउसिंग स्कीम लाना आसान काम नहीं था क्योंकि पिछले कुछ सालों में तेजी से इंडस्ट्रियल अलॉटमेंट हुआ है . इसलिए आवासीय योजनाओं के लिए जमीन निकालना मुश्किल था. इससे पहले प्राधिकरण ने 2013-14 में बिल्डर्स के लिए ग्रुप हाउसिंग स्कीम निकाली थी.