राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य साथी योजना के तहत लोगों को किस तरह से चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही हैं। अदालत ने यह भी जानना चाहा है कि किसी मरीज या उनके परिवार की तरफ से अगर इस योजना के तहत चिकित्सा सेवा नहीं मिल पाने की शिकायत की जाती है तो उसपर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाया जाता है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि हर साल स्वास्थ्य साथी योजना के तहत चिकित्सा सेवा लेने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ वह इसपर बजट कम कर रही है। इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि अब तक दो करोड़ लोगों को इस योजना के तहत चिकित्सा सेवा प्रदान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साफ तौर पर कह चुकी हैं कि अगर कोई अस्पताल चिकित्सा सेवा देने से इन्कार करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि कुणाल साहा नामक चिकित्सक ने स्वास्थ्य साथी योजना को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार चाहे जितना भी दावा क्यों न करे, सभी को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी याचिका पर गौर करते हुए राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल कर अपना जवाब देने को कहा गया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अगले साल 19 जनवरी को होगी।