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सेबी के चेयरमैन ने निवेशकों को चेताया, अफवाहों के आधार पर कतई न करें निवेश

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नई दिल्ली, पीटीआइ। शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के बीच बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने निवेशकों को अफवाहों के आधार पर निवेश से बचने की सलाह दी है। त्यागी ने निवेशकों से कहा कि उन्हें केवल पंजीकृत ब्रोकरों के साथ ही सौदे करने चाहिए। उनके अनुसार कोरोना के बाद भारतीय शेयर बाजार में नए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड में काफी निवेश बढ़ा है। व‌र्ल्ड इंवेस्टर वीक, 2021 के अवसर पर त्यागी ने कहा, ‘निवेशकों को सावधान रहने और शेयर बाजार में निवेश करते समय अध्ययन करने की जरूरत है। उन्हें बाजार की अफवाहों के आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि सेबी निवेशकों को शेयर बाजार के बारे में जानकारी देने के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम का संचालन करता है। हर इसी कड़ी में हर वर्ष व‌र्ल्ड इंवेस्टर वीक (डब्ल्यूआइडब्ल्यू) मनाया जाता है। यह इंटरनेशनल आर्गनाइजेशन आफ सिक्युरिटीज मार्केट कमीशन (आइओएससीओ) की एक पहल है। इसे दुनियाभर के शेयर बाजार नियामकों द्वारा मनाया जाता है। इस वर्ष डब्ल्यूआइडब्ल्यू 22 नवंबर से 28 नवंबर तक मनाया जा रहा है।

इस बीच, सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआइएफ) को नियंत्रित करने वाले नियमों में किए गए संशोधन के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। नौ नवंबर को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सेबी ने एआइएफ, 2012 में संशोधन किया था। सेबी ने संशोधन करके श्रेणी-3 के एआइएफ को अनुमति दी है। इसमें श्रेणी-3 के एआइएफ के मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए बड़े मूल्य फंड शामिल हैं।

सोमवार को जारी एक सर्कुलर में सेबी ने स्पष्ट किया कि सूचीबद्ध इक्विटी में निवेश की सीमा की गणना फंड के एनएवी के आधार पर उस कारोबारी दिन के आधार पर की जानी चाहिए, जिस दिन श्रेणी-3 एआइएफ निवेश होता है।

डिस्क्लोजर ना‌र्म्स के उल्लंघन फ्रेमवर्क में संशोधन

सेबी ने मंगलवार को उस फ्रेमवर्क में संशोधन किया, जिसमें डिस्क्लोजर ना‌र्म्स का उल्लंघन करने पर स्टाक एक्सचेंजों को जुर्माना लगाने का अधिकार है। यह जुर्माना सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा बोनस इश्यू जारी करने में देरी आदि से जुड़ा है। इसके तहत मानकों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को अनुपालन की तारीख से प्रतिदिन 20,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। सेबी ने मंगलवार को जारी एक सर्कुलर में कहा कि अगर निवेशकों का हित प्रभावित नहीं हो तो स्टाक एक्सचेंज अगस्त, 2019 में जारी किए गए इस फ्रेमवर्क से हट सकते हैं।

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