म्यूचुअल फंड एएमसी, निवेश सलाहकारों और ब्रोकिंग प्लेटफॉर्मों के मुताबिक मुश्किल आर्थिक हालात के दौरान निवेशक सिप को रोक सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में सिप ( Systematic Investment plan) के जरिये निवेश करने वाले निवेशकों के सामने कभी ऐसे मुश्किल हालात आ सकते हैं, जब उनके पास इसे जारी रखने के लिए फंड न हो. नौकरी छूट जाने, वेतन कटौती या कुछ दूसरी आर्थिक दिक्कतों की वजह से ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं. कोविड-19 की वजह से पैदा आर्थिक मुश्किलों की वजह से कई निवेशकों के सामने सिप को जारी रखना मुश्किल हो रहा था. लेकिन इस समस्या का हल है.
‘SIP Pause’ का करें इस्तेमाल
म्यूचुअल फंड एएमसी, निवेश सलाहकारों और ब्रोकिंग प्लेटफॉर्मों के मुताबिक मुश्किल आर्थिक हालात के दौरान निवेशक सिप को रोक सकते हैं. इसके लिए उन्हें ‘SIP Pause’ विकल्प के इस्तेमाल की अनुमति होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नौकरी चली गई हो या फिर इनकम घट गई हो और निवेशक को लगता है कि यह अस्थायी है तो वह ECS बाउंस करने के बजाय ‘SIP Pause’ का इस्तेमाल कर सकता है.
SIP Pause’ के लिए नहीं लगता है कोई चार्ज
‘SIP Pause’ निवेशकों को हमेशा सिप इंस्टॉलमेंट को रोकने की सुविधा देता है. आप इस सुविधा का इस्तेमाल कर अपना इंस्टॉलमेंट कुछ दिनों के लिए रोक सकते हैं. इसके बाद इसे सुविधानुसार जारी रख सकते हैं. यानी अपनी आर्थिक हालत ठीक होने पर इसे जारी रख सकते हैं. अच्छी बात यह है कि इस सुविधा को हासिल करने के लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होता है.
SIP कैंसिल न कराएं, ‘SIP Pause’ का इस्तेमाल करें
SIP कैंसिल करवाने की तुलना में हमेशा ‘SIP Pause’ का विकल्प अच्छा होता है क्योंकि इसे री-एक्टिवेट करना आसान होता है. सिप कैंसिल कराने की स्थिति में ECS मैंडेट और सर्टफिकेशन की प्रक्रिया दोहरानी पड़ती है. कोटक म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, एलएंडटी, एडिलविस म्यूचुअल फंड, डीएसपी म्यूचुअल फंड समेत लगभग सभी म्यूचुअल फंड हाउस ‘SIP Pause’ की सुविधा देते हैं. ‘SIP Pause’ फैसिलिटी मुहैया कराने के पीछे म्यूचुअल फंड कंपनियों का यही तर्क होता है कि इससे ग्राहक या निवेशक उससे जुड़े रहें. अमूमन होता यह है कि ग्राहक एक बार सिप कैंसिल कराने के बाद दोबारा उसमें निवेश नहीं करते.