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पोस्ट ऑफिस की एनपीएस स्कीम में खाता खुलवाने पर मिलता है पेंशन का लाभ, जानें इस सरकारी स्कीम के बारे में पूरी डिटेल

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नौकरीपेशा व्यक्तियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन सुविधा का लाभ मिलता है। लेकिन, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को किसी भी तरह की पेंशन सुविधा का लाभ हासिल नहीं हो पाता है। बुढ़ापे या रिटायरमेंट के बाद अपने खर्चों को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए पेंशन काफी सहायता करता है। पेंशन का फायदा ना मिलने की वजह से असंगठित क्षेत्र के कामगारों को रिटायरमेंट या बुढ़ापे के वक्त अपने रोजाना खर्चों को मैनेज करने में समस्या का सामना करना पड़ जाता है। अगर आप भी ऐसी ही श्रेणी में आते हैं और अपना रिटायरमेंट के लिए पेंशन की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए इंडियन पोस्ट की पेंशन आपके लिए एक सबसे बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती है।

ऑप्टिमा मनी मैनेजर के फाउंडर और सीइओ पंकज मठपाल के अनुसार, “पोस्ट ऑफिस की पेंशन स्कीम में आप अपना पैसा जमा कर सकते हैं। इसमें पैसा जमा होता रहा है, लेकिन हमें यह देखना जरूरी है कि हम किस साल रिटायर हो रहे हैं। इसे हम पांच पांच साल पर बढ़ा भी सकते हैं, जब हम इसे बढ़ाते हैं तो हम अपने जमा के पैसे का 60 फीसद तक निकाल भी सकते हैं। लेकिन हमें कभी भी पूरे पैसे को निकालना नहीं चाहिए।” 

आइये जानते हैं पोस्ट ऑफिस की स्कीम इस योजना के बारे में।

कौन खुलवा सकता है अपना अकाउंट

डाकघर की पीपीएफ योजना में कोई भी भारतीय नागरिक जो कि वयस्क हैं, वह अपना खाता खुलवा सकता है। इसके अलावा एक अभिभावक के द्वारा किसी नाबालिग का खाता भी खुलवाया जा सकता है।

मेच्योरिटी पीरियड

डाकघर की पीपीएफ स्कीम में आप 15 साल तक अपना पैसा जमा कर सकते हैं, इसके बाद आपका खाता मेच्योर हो जाएगा। पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में खाता खुलवाने वाले साल को नहीं गिना जाता है।

निवेश की राशि

आप डाकघर की पीपीएफ योजना में सालाना आधार पर कम से कम 500 रुपये से अपना पैसा जमा करना शुरू कर सकते हैं। वहीं, इस स्कीम में पैसा जमा करने की अधिकतम रकम 1.50 लाख रुपये है। पोस्ट ऑफिस की इस योजना में जमाकर्ता को इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80 C के तहत कटौती के लिए भी योग्य होते हैं।

कितना मिलता है ब्याज

मौजूदा वक्त में डाकघर की इस योजना में अपना पैसा जमा करने पर जमाकर्ता को सालाना आधार पर 7.1 फीसद ब्याज दर का फायदा हासिल होता है। हर एक वित्तीय साल के आखिर में मिलने वाले ब्याज को जमाकर्ता के अकाउंट में जमा कर दिया जाता है। इसके अलावा डाकघर की इस योजना में मिलने वाला ब्याज आय कर टैक्स के दायरे से बाहर होता है।

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