गुजरात उच्च न्यायालय ने महानगर की अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने की सलाह दी है। गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद में फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन प्रमाण पत्र की अवहेलना करने वाले बिल्डर व भवन निर्माताओं पर शक्ति बरतने के निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा है कि जरूरत पड़े तो कुछ बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने से नहीं हिचकें।
गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार एवं न्यायाधीश ए जे शास्त्री की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना संचालित बहुमंजिला इमारतों एवं उसके संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी बहुमंजिला इमारतों को सील करें और अगर जरूरत पड़े तो कुछ इमारतों को जमींदोज भी करें। बीते रविवार को एसजी हाईवे पर एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने की घटना को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में गंभीर मानते हुए कहां की फायर सेफ्टी और बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना गैरकानूनी रूप से बहुमंजिला इमारतों का संचालन किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई से नहीं हिचकचाएं।
इस तरह की आपराधिक लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, सरकार की इनके खिलाफ कार्रवाई का अब समय आ गया है। उच्च न्यायालय में इस याचिका पर आगामी सुनवाई 23 दिसंबर को करने का फैसला किया है। महानगर पालिका नगर पालिका इलाकों में बड़े पैमाने पर बिल्डर और व्यापारी गरम फायर सेफ्टी 4 बिल्डिंग यूज़ परमिशन जैसी औपचारिकताओं का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार एवं स्थानीय निकाय उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाता है जिससे उनके हौसले बुलंद होते हैं। अदालत ने कहा कि इस तरह की चीजों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिना स्वीकृति और प्रमाण पत्र के तथा फायर सेफ्टी का उल्लंघन करने वाली बिल्डिंगों को सील किया जाना चाहिए अथवा उनको जमींदोज कर दिया जाना चाहिए। महानगर पालिका को ऐसी बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने से भी नहीं हटना चाहिए।