राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कोरोना के नए वायरस के खतरे को भांपते हुए हरियाणा सरकार ने पहली दिसंबर से सभी स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने का फैसला वापस ले लिया है। अब पहले की तरह सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चे ही स्कूलों में आ सकेंगे। फिलहाल स्कूलों का समय भी नहीं बदलेगा। 10 दिसंबर के बाद ही हालात को देखते हुए स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने या नहीं खोलने का फैसला लिया जाएगा।
शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते मार्च-2020 से स्कूल पूरी क्षमता के साथ नहीं खोले जा सके हैं। महामारी की पहली और दूसरी लहर में कई महीने तक स्कूलों में नियमित पढ़ाई पूरी तरह बंद रही। वर्तमान में भी आधी क्षमता के साथ ही स्कूलों में पढ़ाई चल रही है। प्रत्येक कक्षा में केवल 50 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है।
कोरोना वायरस के लगातार घटते प्रभाव से उत्साहित प्रदेश सरकार ने बीते पखवाड़े पहली दिसंबर से तमाम सरकारी और निजी स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने के निर्देश जारी कर दिए थे। वह भी पूरे समय के लिए। अब चूंकि नए वायरस का खतरा मंडरा रहा है और एक पखवाड़े से कोरोना मरीजों की संख्या थोड़ी बढ़ी है, इसके मद्देनजर सरकार बच्चों की सेहत को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि जब तक हालात पूरी तरह अनुकूल नहीं हो जाते, स्कूलों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाया जाएगा। इससे कोरोना गाइडलाइन का पालन आसानी से किया जा सकेगा।
कालेज छात्राओं को मिलेगी मुफ्त यात्रा सुविधा
उच्चतर शिक्षा के लिए गांवों से शहरों में स्थित कालेजों में आने वाली तमाम छात्राओं को निशुल्क बस यात्रा की सुविधा मिलेगी। उच्चतर शिक्षा महानिदेशक ने सभी कालेज प्राचार्यों को इन छात्राओं का ब्याेरा तीन दिसंबर तक पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में विगत कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियाें को कालेज आने-जाने के लिए गांव से शहर तक सरकार द्वारा फ्री-बस पास की सुविधा दी जाती है।