केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना (PMKSY) का कार्यान्वयन जलशक्ति मंत्रालय (Water Power Ministry) करता है. कैबिनेट की बैठक में (Cabinet Meeting Today) इसके कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी गई है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting 15 December 2021) में किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) को 5 साल के लिए यानी वित्त वर्ष 2021-26 के लिए मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि इस योजना से 22 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा.
PMKSY में के 4 खास बात
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015 में एक अम्ब्रेला स्कीम की तरह हुई थी. इस योजना को जलशक्ति मंत्रालय संचालित करता है. इस स्कीम का पहला उद्देश्य एक्सेलरेटेड इरीगेशन बेनिफिट प्रोग्राम (AIBP) और हर खेत को पानी (HKKP) पहुंचाना है. इसमें हर खेत को पानी में भी 4 हिस्से हैं, जिनके नाम कमांड एरिया डेवलपमेंट (CAD), सरफेस माइनर इरीगेशन (SMI), रिपेयर-रेनोवेशन एंड रेस्ट्रोरेशन (RRR) ऑफ वॉटर बॉडीज और ग्राउंड वाटर डेवलपमेंट कंपोनेंट हैं.
और भी दो योजनाएं हैं शामिल
पीएमकेएसवाई में दो और भी योजनाएं शामिल हैं जिसका संचालन 2 अन्य विभाग करते हैं. ‘पर ड्राप मोर क्रॉप’ (Per Drop More Crop) योजना का कार्यान्वयन कृषि विभाग (Agriculture Department) करता है और वाटरसेड डेवलपमेंट योजना का कार्यान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) से संबंधित लैंड रिसोर्स डेवलपमेंट विभाग करता है.
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AIBP का में क्या है खास?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1996-97 में एक्सेलरेटेड बेनिफिट प्रोग्राम (AIBP)की शुरुआत की थी. इस योजना का लक्ष्य देश के हर क्षेत्र में बड़ी और मध्यम सिचांई परियोजनाओं को सहायता उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत देश के उन परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाता है, जो परियोजनाएं लगभग पूरी होने की स्थिति में होती है, लेकिन वित्तीय परेशानियों में फंस कर पूरी नहीं हो पा रही है.
आगे चल कर इस प्रोग्राम को 2016 में पीएमकेएसवाई के साथ जोड़ दिया गया था. आपको बता दें कि पीएमकेएसवाई के साथ जुड़ने के समय एआईबीपी के तहत 297 सिंचाई और बहुउद्देशीय परियोजनाएं जुड़ी हुई थीं. इनमें से अब तक 143 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 5 परियोजनाओं की फोरक्लोजिंग हो गई है.