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मध्य प्रदेश

चुनाव का दंगलः मैदान में दल नहीं परंतु जमीन पर पार्टी नेताओं की ताकत की परीक्षा

मध्य प्रदेश में पंचायत चुुनाव का बिगुल बज गया है और गांवों में इसके लिए गोटियां बैठाई जा रही हैं। दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बाद भी इसमें जमीन पर विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी के नेताओं की ताकत की परीक्षा है। इस कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए यह  प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। इसके लिए दोनों दल जमीन स्तर पर जीतने वाले प्रत्याशियों को अपना समर्थन देने की जोड़तोड़ में जुट गए हैं। 

पंचायत चुनाव का शंखनाद चार दिसंबर को हो गया था और अदालत में याचिकाओं के बाद भी भाजपा-कांग्रेस दोनों ही इसकी तैयारी में जुटे थे। भाजपा ने जमीनीस्तर पर जीतने वाले प्रत्याशियों के चयन के लिए कमेटियां बनाने की कवायद शुरू कर दी है। शुक्रवार को इसके लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई है। मगर जिला और मंडल स्तर के नेताओं को ऐसे प्रत्याशियों की पहचान कर समर्थन देने की तैयारी के पहले से ही संकेत दे दिए गए हैं।  

कांग्रेस ने भी कमेटी बनाई
वहीं, कांग्रेस ने भी इसके लिए एक समिति बनाई है जिसके संयोजक पूर्व मंत्री व विधायक कमलेश्वर पटेल हैं। इसकी गुरुवार को बैठक हुई थी जिसमें पहले और दूसरे चरण के मतदान वाले 16 जिलों में प्रत्याशी चयन को लेकर चर्चा की गई। इसमें जिला और ब्लॉक स्तर पर पंचायत चुनाव के लिए बनाई गई समितियों को राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया का पालन कराने तथा आचार संहिता का पालन कराने पर निगरानी रखने, कई सालों से जमे अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हुए या नहीं, इस पर ध्यान देने का जोर दिया गया।

तैयारियों से खफा वरिष्ठ नेता
वहीं, पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस के कुछ नेता बेहद नाराज भी दिखाई दिए। पीसीसी में पहुंचकर ऐसे कुछ नेताओं ने जिम्मेदारों को सचेत भी किया है। उन्होंने कहा है कि जिला, जनपद, ग्राम पंचायतों में पार्टी समर्थक जीतने वाले नेताओं को चुनाव मैदान में समर्थन देने की सुस्त चाल दिखाई दे रही है। पूर्व मंत्री और विधायक ओमकार मरकाम ने यह आशंका जाहिर की है कि जीतने वाले प्रत्याशियों को सत्ताधारी दल के प्रलोभन देकर अपना समर्थन दे सकती है। 

कांग्रेस के एक प्रत्याशी को समर्थन देने के प्रयास
पंचायत चुनाव में जिला-ब्लॉक स्तर पर पार्टी नेता समन्वय का काम दिया गया है। इनमें वे नेता शामिल किए गए हैं जो पंचायत चुनाव या विधानसभा चुनाव पहले लड़ चुके हैं, विधायक हैं। यह कोशिश की जा रही है कि जिला पंचायत, जनपद, सरपंच के लिए कांग्रेस का एक-एक ही प्रत्याशी रहे। 
– राजीव सिंह, महामंत्री, प्रशासन, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी

प्रदेश स्तरीय बैठक में जिम्मेदारी बंटेगी
पंचायत चुनाव में जिला पंचायत, जनपद, ग्राम पंचायत के प्रत्याशियों के चयन के लिए जिला-मंडल स्तर पर समितियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए आज प्रदेश स्तरीय बैठक हो रही है। इसमें पंचायत चुनाव पर चर्चा होगी। 
– भगवानदास सबनानी, कार्यालय प्रभारी, मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी

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