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ड्रग्स मामले में पंजाब सरकार की बड़ी कार्रवाई, इस सीनियर अकाली नेता के खिलाफ FIR दर्ज

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Punjab Drugs Case: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दावा कर रहे थे कि स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की रिपोर्ट में मजीठिया का नाम है. वो लगातार मजीठिया पर कार्रवाई की बात कह रहे थे. इसी वजह से 4 दिन पहले इकबालप्रीत सहोता को हटाकर पंजाब सरकार ने सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी बनाया था.

नई दिल्ली: पंजाब (Punjab) ड्रग्स केस में कार्रवाई करते हुए कांग्रेस सरकार ने आधी रात को अकाली नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Singh Majithia) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. यह केस मोहाली में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (BOI) के पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है. मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस को लेकर लगातार आरोप लगाए जा रहे थे. मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद प्रदेश की सियासत में जो नया धमाका हुआ है उसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही है. पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले इसे चन्नी सरकार की एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.

लगातार हमलावर थे सिद्धू

आपको बताते चलें कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दावा कर रहे थे कि स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की रिपोर्ट में मजीठिया का नाम है. सिद्धू लगातार मजीठिया पर कार्रवाई की बात कह रहे थे. इसी वजह से अभी चार दिन पहले इकबालप्रीत सहोता को हटाकर पंजाब की सरकार ने सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी नियुक्त किया था.

हाईकोर्ट ने कहा था – हमारी कोई रोक नहीं तो कार्रवाई क्यों नहीं की?

इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल सीलबंद STF रिपोर्ट को लेकर जमकर सियासत होती आई है. खासकर, कांग्रेस के भीतर ही इस मामले को लेकर सिद्धू और चन्नी सरकार में जंग चल रही थी. इसके बाद सिद्धू के दबाव में पहले एडवोकेट जनरल को बदलवाया गया. एपीएस देयोल को हटाने के बाद डीएस पटवालिया को एजी बनाया गया.

हाईकोर्ट ने भी STF की रिपोर्ट को खोलने पर कोई रोक नहीं लगाई थी. इसके बावजूद कार्रवाई में देरी को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि अभी तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की. हाई कोर्ट की फटकार के बाद इस मामले को लेकर पंजाब की राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है.

अफसर छुट्‌टी पर गए तो हुआ विवाद

पंजाब में कुछ दिन पहले ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के अफसरों के लगातार छुट्‌टी पर जाने को लेकर सवाल उठते रहे. हाल ही में यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब ADGP एसके अस्थाना अचानक मेडिकल लीव पर चले गए. इसको लेकर बवाल हुआ तो वह अस्पताल में एडमिट हो गए. जिसके बाद उनके डीजीपी को लिखे पत्र के कुछ अंश भी लीक हुए. जिसमें उन्होंने कहा था कि मजीठिया पर इस तरह कार्रवाई नहीं की जा सकती.

‘अकाली नेता वल्टोहा ने कहा – 4 ADGP ने इनकार किया’ 

अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि मजीठिया को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. चन्नी सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए यह नया विवाद खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के 4 एडीजीपी ने इससे मना कर दिया था. इसके बाद चन्नी सरकार ने डीजीपी बदला और अब यह कार्रवाई की गई है.

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