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राजनीति

प्रियंका गांधी का चुनाव बाद भी उत्तर प्रदेश में ही रहने का एलान, जानिए क्या संदेश देना चाहती है कांग्रेस

महिलाओं को सूबे की सियासत में अहमियत देने की कांग्रेस की पहल के बाद पीएम मोदी सीएम योगी से लेकर अखिलेश यादव की ओर से भी आधी आबादी से संवाद करने को प्रियंका ने अपनी पहल की पहली कामयाबी बताई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 125 उम्मीदवारों की पहली सूची में 50 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर सूबे में चुनावी सियासत को नए ट्रैक पर ले जाने का बड़ा दांव चला है। उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के वादे के अनुरूप पहली सूची में 40 फीसदी महिलाओं के साथ ही 40 फीसदी युवा चेहरों को पार्टी ने टिकट दिया है।

राजनीति के अलावा बड़ी संख्या में पहली बार सियासत में कदम रखने वाली कई जुझारू महिलाओं को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। इन लोगों में सबसे अहम नाम उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीडि़ता की माता आशा सिंह का है। सूची में नागरिकता संशोधन कानून-एनआरसी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जेल भेजी गई लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर से लेकर अभिनेत्री अर्चना गौतम और पत्रकार निदा अहमद भी शामिल हैं।

प्रियंका ने उम्मीदवारों की इस सूची को जारी करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में नई और विकास की सकारात्मक राजनीति को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

उप्र में भाजपा और सपा के बीच मुख्य चुनावी लड़ाई में जगह तलाश रही कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद चुनौतीपूर्ण है तो प्रियंका गांधी की सियासत के लिए भी बड़ी कसौटी है। पार्टी की इस बड़ी चुनौती का ही संकेत है कि प्रियंका गांधी ने दिल्ली में पत्रकार-वार्ता कर खुद 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करते हुए सभी 50 महिला प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजनीति के अलावा सामाजिक क्षेत्र और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करने वाली कई महिलाओं को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस सूबे में एक नये तरह का संदेश देना चाहती है। राजनीति का असली मकसद सेवा है मगर आज यह काफी हद तक बदल गया है। हम इस मकसद को वापस लाना चाहते हैं।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीडि़ता की माता आशा देवी, सदफ जाफर, आशा बहनों की आवाज बनीं पूनम पांडे जैसी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं को टिकट देकर पार्टी ने संदेश दिया है कि सत्ता के दमन के खिलाफ लड़ाई में संघर्ष करने वालों के साथ कांग्रेस खड़ी है। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज तानाशाही सत्ता है। उन्हें खुशी व गर्व है कि इन महिलाओं ने आगे आकर इस लड़ाई में कांग्रेस के साथ संघर्ष करने का फैसला किया है।

कांग्रेस की इस सूची में विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद, अजय राय, विवेक बंसल, अजय कपूर, सुप्रिया ऐरन समेत पार्टी से जुड़े कई प्रमुख नाम भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में पाला बदल की मौजूदा होड़ से जुड़े सवाल पर प्रियंका ने कहा कि यह हर चुनाव में होता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि हमारा संघर्ष विचारधारा का है। हमारा प्रयास सकारात्मक अभियान चलाने पर होगा जिसमें विकास, रोजगार, शिक्षा और समाज को समान दृष्टि से देखने की बात होगी। 80 बनाम 20 फीसद की राजनीति की बात करने की बजाय युवा बेरोजगार कितने फीसद हैं इसकी चर्चा हम करेंगे। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां जनता के लिए क्या कर रही हैं, चुनाव इस मुद्दे पर होना चाहिए।

महिलाओं को सूबे की सियासत में अहमियत देने की कांग्रेस की पहल के बाद पीएम मोदी, सीएम योगी से लेकर अखिलेश यादव की ओर से भी आधी आबादी से संवाद करने को प्रियंका ने अपनी पहल की पहली कामयाबी बताई। चुनाव लड़ने के सवाल का प्रियंका ने सीधे जवाब नहीं दिया और कहा कि इस चुनाव के बाद भी वे उत्तर प्रदेश में ही रहेंगी और पार्टी कहीं दूसरी जगह की भूमिका की बात कहेगी तो वह भी करूंगी।

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