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हार्ट अटैक की वजह बन सकता है ब्लड प्रेशर का बढ़ना, बचाव के लिए बरतें ये सावधानी

अगर आपको हाई बीपी की समस्‍या है तो इससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर कंडीशन का खतरा बढ़ जाता है. बचाव के लिए बरतें ये सावधानी.

नई दिल्ली: हाई बीपी की समस्या मरीजों में हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा देती है. अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है तो ये आपके लिए खतरनाक हो सकता है. हार्ट अटैक से बचाव के लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए. वजन और बीपी को कंट्रोल में रखकर आप हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकते हैं.

बीपी बढ़ने के कारण हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ सकती है. बीपी की समस्‍या बढ़ने की वजह कोलेस्‍ट्रॉल या फैट हो सकता है. बीपी बढ़ने के कारण मरीज को सीने में दर्द महसूस हो सकता है.

हाई बीपी को कैसे करें कंट्रोल? 

बीपी की समस्या में दवाइयों के अलावा कुछ नैचुरल तरीके भी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करेंगे.

-हाइपरटेंशन के लक्षणों को कम करने के लिए खाने में नमक का सेवन कम कर दें.

-सोड‍ियम का ज्यादा सेवन हाई बीपी की समस्‍या को बढ़ा सकता है.

-तली हुई चीजों का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें.

हार्ट अटैक के संकेतों को पहचानें

अगर सांस लेने में परेशानी हो रही है, पसीना ज्‍यादा आ रहा है, जी म‍िचलाने की समस्‍या है, हल्‍का स‍िरदर्द है, पैरों में सूजन या शरीर के ऊपरी भाग में तकलीफ हो रही है तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. हाइपरटेंशन की समस्या क‍िडनी फेल‍ियर, ब्रेन स्‍ट्रोक, मल्‍टीपल ऑर्गन फेल‍ियर की वजह से भी हो सकती है.

कितना होना चाहिए नॉर्मल बीपी

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बीपी की नॉर्मल रेंज 135 से 145 के बीच है. अगर इससे ज्‍यादा बीपी है तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. बीपी अगर 140/90 से ज्‍यादा है तो ये हाई बीपी माना जाता है. वहीं अगर बीपी लो है तो इससे थकान और आलस जैसे लक्षण महसूस होंगे. सामान्‍य बीपी की रीड‍िंग 90/60mmHg और 120/80mmHg के बीच होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.)

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