All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

बजट 2022 – नई टैक्स व्यवस्था स्लैब के हिसाब से टैक्स भरने वालों को बजट में मिल सकता है तोहफा

TAX RETURN

बजट 2020 में घोषित छूट के बिना कम कर दर की वैकल्पिक आयकर व्यवस्था को इस बार बजट में और छूट मिल सकती है। 2020 में नई इनकम टैक्स व्यवस्था लागू होने के बावजूद ज्यादातर लोग पुराने इनकम टैक्स स्लैब को जारी रखना पसंद कर रहे हैं। जबकि कॉरपोरेट करदाताओं के लिए इसी तरह की इनकम टैक्स व्यवस्था को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, व्यक्तिगत करदाताओं के मामले में ऐसा नहीं हुआ। मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, वित्त मंत्रालय इस मामले को जाँच रहा है जो करदाताओं को पुरानी और जटिल छूट व्यवस्था से दूर जाने के लिए इंसेंटिव ला सकता है।

1 फरवरी 2020 में लाई गई थी नई टैक्स व्यवस्था 
सितंबर 2019 में नई कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 15% करने और मौजूदा फर्म्स अगर छूट को छोडने पर टैक्स को 22% कर दिया गया था। इसमें बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को व्यक्तिगत करदाताओं के लिए एक समान विकल्प की घोषणा की जिसने आयकर को कम किया जा सके, बशर्ते वह भविष्य निधि, होम लोन, जीवन बीमा, चिकित्सा बीमा, बच्चों के लिए शिक्षा शुल्क और नई पेंशन योजना जैसी कटौतियों और छूटों को छोड़ने के लिए इच्छुक हों।

कोविड और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की कमी बड़ी अड़चन
कर सलाहकारों और विशेषज्ञों का कहना है, कोविड -19 युग में चिकित्सा बीमा पॉलिसियों की बढ़ती लोकप्रियता, सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की कमी जैसे कारणों के कारण छूट मुक्त कम टैक्स स्लैब के काम करने की संभावना काम है। कंसल्टेंसी फर्म डेलॉइट इंडिया के पार्टनर तापती घोष का कहना है, “मेरी समझ से काफी हद तक सरलीकृत कर व्यवस्था को लेकर कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, आय के निचले स्तरों पर कर में कमी की भरपाई मानक कटौती, एचआरए (घर किराया भत्ता) कटौती आदि के रूप में छोड़ी गई राहतों से की जाती है जबकि 15 लाख रुपए से अधिक के वेतन पर कर की दरें 30% पर जारी है।”

Read more:ITR फाइलिंग में चूक पर जेल जाने की आ जाएगी नौबत! जान लीजिए नियम

व्‍यावसायिक आय वाले करदाताओं के लिए ठीक नहीं नई व्यवस्था 
कुछ अकाउंटेंट का कहना है कि व्‍यावसायिक आय वाले करदाताओं के लिए व्‍यवस्‍था ठीक नहीं है। दिल्ली स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट तरुण कुमार का कहना है कि महामारी और वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने कई लोगों को नौकरियों के साथ-साथ शेयर बाजार की ओर मोड़ दिया है, इस प्रकार, वे वेतन और व्यावसायिक आय वाले करदाता बन गए हैं। व्यवसाय या पेशे से आय वाले व्यक्तियों के मामले में धारा 115BAC से ‘ऑप्ट आउट’ केवल एक बार ही उपलब्ध है। । इसलिए, ये स्थितियां व्यापार करदाताओं को नई टैक्स व्यवस्था की ओर आकर्षित नहीं करती हैं। आयकर अधिनियम की धारा 115BAC  छूट के बिना नई कर व्यवस्था को लेकर है।

Read more:Income Tax के नए स्‍लैब में हो सकता है बदलाव, महज 5 फीसदी ने अपनाया

नई टैक्स व्यवस्था में मुश्किलों को दूर किया जाएगा
नई व्यवस्था के तहत करदाताओं के समक्ष आ रही सभी समस्याओं को जांच में ध्यान में रखा जाएगा। नई कराधान प्रणाली को आकर्षक बनाने के लिए उपयुक्त समाधानों की घोषणा की जाएगी। वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस मामले पर ईमेल किए गए प्रश्नों का कोई जवाब नहीं दिया। टैक्स रिसर्च और एडवाइजरी फर्म टैक्समैन के उप महाप्रबंधक नवीन वाधवा ने कहा कि नई कर प्रणाली को मूल छूट सीमा बढ़ाकर आकर्षक बनाया जा सकता है, जो दोनों व्यवस्थाओं के लिए अभी भी ₹2.5 लाख ही है।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top