UP Assembly Election 2022: विजय सिंह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. भू-माफियाओं ने जमीन से अपना कब्जा नहीं छोड़ा.
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधान सभा चुनाव (Assembly Election) का आगाज हो चुका है. इस बीच खबर है कि 26 साल से धरना दे रहे पूर्व टीचर विजय सिंह (Vijay Singh) ने गोरखपुर (Gorakhpur) से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उनका कहना है कि करहल में वो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का भी विरोध करेंगे.
माफिया के चंगुल से जमीन छुड़ाने के लिए दे रहे धरना
59 साल के विजय सिंह ने कहा कि मैंने सरकारी जमीन को माफिया के चंगुल से छुड़ाने के लिए हर संभव कोशिश की. 2012 में मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला, जिन्होंने जांच के लिए एक समिति का गठन किया था. लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ. जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो मैंने उनसे संपर्क किया और उन्होंने मुझे निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट में मेरे दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि की थी. मैंने 30 बार लखनऊ का दौरा किया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
विजय सिंह ने क्यों छोड़ दी नौकरी?
बता दें कि 1996 में भू-माफियाओं ने छुडाना गांव में सार्वजनिक भूमि हड़प ली थी, जिससे विजय सिंह ‘बेहद परेशान’ हो गए थे और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद वो सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण के विरोध में मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए.
प्रशासन ने नहीं दिया विजय सिंह का साथ!
विजय सिंह ने कहा कि अब मैं जनता के पास जाऊंगा. उन्हें दिखाऊंगा कि इस प्रशासन ने मेरे साथ क्या किया है? 26 साल कोई छोटा समय नहीं है. मैंने अपना जीवन एक उचित कारण के लिए दिया है.
अपने 26 साल के लंबे धरने के दौरान, विजय सिंह ने अपने पारिवारिक जीवन का बलिदान दिया. कई धमकियों का सामना किया और पूरी तरह से सरकारी उदासीनता का सामना किया. उन्होंने शामली जिले को मुजफ्फरनगर से अलग होते हुए देखा लेकिन मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट में अपने विरोध स्थल से नहीं हटे.
दो साल पहले तत्कालीन जिलाधिकारी ने जब उन्हें उनके धरना स्थल से बेदखल कर दिया तो उन्होंने शहर के शिव चौक इलाके में मोर्चा संभाल लिया. 2012 में विजय सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ में 600 किलोमीटर की पदयात्रा भी की, लेकिन उनसे मिलने में असफल रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं और करहल में अखिलेश यादव के खिलाफ पर्चे भी बांटूंगा.
(इनपुट- आईएएनएस)